- पुनीत निकोलस यादव
राफेल डील मामले में घपले के आरोपों की जांच लेकर दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट फिर से सुनवाई करेगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा इस मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक हैं। 'आउटलुक' के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने कोर्ट में गलत तथ्य पेश किए थे जिसे कोर्ट में बेनकाब करेंगे।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राफेल डील से संबंधित तीन दस्तावेजों को सबूत के तौर पर स्वीकार करने की अनुमति प्रदान की है जिसका सरकार ने यह कहकर विरोध किया था कि इन गोपनीय दस्तावेजों को पुनर्विचार याचिका का आधार नहीं बनाया जा सकता।
कोर्ट के आदेश पर आपकी पहली धारणा क्या है?
जैसा कि मैंने अपने ट्वीट में कहा है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार झूठ बोलने वाली सरकार है। यह झूठ अब उजागर हो चुका है। मैं सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करता हूं। हमने पहली बाधा पार कर ली है और अब मेरिट के आधार पर बहस की तैयारी करनी होगी। इसका आधार होगा पब्लिक डोमेन में मौजूद दस्तावेज, जो साबित करते हैं कि राफेल सौदे के विभिन्न पहलुओं की जांच करने का पर्याप्त कारण है।
आप कितने आश्वस्त हैं कि जांच के लिए आपका अनुरोध कोर्ट मान लेगी?
मुझे पहले भी भरोसा था और अब मैं आश्वस्त हूं। यह जांच के लिए एक उपयुक्त मामला है। सरकार ने जानबूझकर झूठे दावे पेश करके कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की। मौजूद दस्तावेज जिन पर हम भरोसा कर रहे हैं और द हिंदू द्वारा किए गए खुलासे के बाद इसमें कोई संदेह नहीं रह गया है कि सरकार ने झूठ बोला था। कोर्ट को हस्तक्षेप करने से रोकने के लिए जानबूझकर मनगढंत चीजें बनाई गईं। दस्तावेज इसे साबित करते हैं और अब हम इस मामले को उसके तार्किक निष्कर्ष तक लड़ेंगे।
क्या आप मानते हैं कि कोर्ट के समक्ष गलत तथ्य पेश करने के लिए सरकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जानी चाहिए?
यकीनन। हमने सरकार के खिलाफ एक अलग मामला दर्ज किया है। सरकार जानबूझकर कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश करेगी लेकिन हम पुनर्विचार याचिका में सरकार को बेनकाब करेंगे।