सोशल मीडिया पर एक रेलवे वेंडर का अपने यहां भर्ती विज्ञापन इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है। भर्ती विज्ञापन में वेंडर ने जातिगत वरीयताओं को आधार बनाया था। इस विज्ञापन पर गंभीर प्रतिक्रिया आने के बाद आइआरसीटीसी ने इसे बंद कर दिया।
बृंदावन फूड प्रोडक्ट्स को ट्रेन खानपान प्रबंधक, बेस किचन मैनेजर और स्टोर मैनेजर जैसे तीन पदों के लिए 100 पुरुष उम्मीदवारों की आवश्यकता थी। विज्ञापन ने वेंडर में लिखा, उम्मीदवारों को ‘अग्रवाल वैश्य समुदाय’ से संबंधित होना चाहिए साथ ही ‘अच्छी पारिवारिक पृष्ठभूमि’ के साथ ‘10 +2’ की शैक्षिक योग्यता होनी चाहिए।
आइआरसीटीसी ने लगाई डांट
आइआरसीटीसी का कहना है कि कंपनी ने विज्ञापन पोस्ट करने वाले एचआर कर्मी को कड़ी फटकार लगाने के बाद हटा दिया है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि “आईआरसीटीसी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और कॉन्ट्रेक्टर को जाति के आधार पर लकीर खींचने के लिए नोटिस दिया गया है। कॉन्ट्रेक्टर से कहा गया है कि वह योग्यता पर नौकरी दे न कि किसी जाति / पंथ / धर्म या क्षेत्र के आधार पर।
विज्ञापन हुआ था वायरल
इंटरनेट की दुनिया में इस विज्ञापन को लेकर बहस छिड़ गई थी। लोगों का कहना था कि जाति किसी की योग्यता का पैमाना नहीं हो सकती। इसके आधार पर कोई भी किसी को नौकरी के लिए न रख सकता है न निकाल सकता है। एक ट्विटर यूजर का कहना था, “शर्मनाक और घृणित! अब निजी संचालक भी जाति के आधार पर नौकरी देंगे? क्या हमने अपने देश को पर्याप्त रूप से विभाजित नहीं क दिया है?”
एक अन्य उपयोगकर्ता ने राजनीतिक वर्गों को दोषी ठहराया और कहा कि “वोट के लिए हर क्षेत्र में जातिवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसी भी प्रकार का जातिवाद नहीं होना चाहिए। लेकिन राजनेता जातियों को विभाजित करने और वोट पाने के लिए इसे बढ़ावा देते हैं।”