राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को दिल्ली की एक अदालत से कहा कि कथित संजीवनी घोटाले के संबंध में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ उनके आरोप "सच्चाई" हैं और "उन्हें मानहानि नहीं कहा जा सकता।" कोर्ट इस मामले की आगे की सुनवाई 20 अक्टूबर को करेगा।
गहलोत की ओर से पेश वकील ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल को बताया कि भाजपा नेता को कथित 900 करोड़ रुपये के संजीवनी मल्टीस्टेट क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले की जांच कर रहे राजस्थान पुलिस के विशेष संचालन समूह (एसओजी) द्वारा नोटिस दिया गया था और उन्होंने इसका जवाब दाखिल किया।
उन्होंने दावा किया कि शेखावत ने नोटिस से जुड़े तथ्य छुपाये। वकील ने अदालत को बताया, "एसओजी राजस्थान द्वारा 2020 में एक एफआईआर दर्ज की गई थी। शिकायतकर्ता ने एसओजी के नोटिस का जवाब दायर किया... उसने अदालत से इस तथ्य को छुपाया.... मेरे मुवक्किल ने कभी नहीं कहा कि शिकायतकर्ता को मामले में दोषी ठहराया गया है। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता भी इस मामले में आरोपी है।''
वकील ने आगे कहा कि गहलोत के खिलाफ मानहानि का मामला नहीं बनता है। वकील ने कहा, "प्रथम दृष्टया इसमें संलिप्तता प्रतीत होती है... अगर मैं सच कह रहा हूं, तो यह मानहानि नहीं है।" कथित संजीवनी घोटाले से उन्हें जोड़ने वाली कांग्रेस नेता की टिप्पणी पर शेखावत की शिकायत के बाद अदालत ने 7 अगस्त को गहलोत को तलब किया था। यह "घोटाला" अत्यधिक आकर्षक रिटर्न के वादे पर संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा कथित तौर पर हजारों निवेशकों से लगभग 900 करोड़ रुपये ठगे जाने से संबंधित है।