राज्यसभा से मोटर व्हीकल संशोधन बिल वोटिंग के बाद पास कर दिया गया है। बिल के पक्ष में 108 और विपक्ष में 13 वोट पड़े हैं। यह बिल लोकसभा से पहले ही पारित हो चुका है। बिल में मोटर व्हीकल एक्ट को और सख्त बनाने के प्रावधान शामिल हैं। इसके अलावा ट्रैफिक नियमों को तोड़ने पर ज्यादा जुर्माना लगाने के प्रावधान इस बिल में शामिल हैं। शराब पीकर गाड़ी चलाने पर अब 2 हजार की बजाय 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और थर्ड पार्टी प्रीमियम को जरूरी बनाने को भी इस बिल में शामिल किया गया है। सड़क सुरक्षा से जुड़े कई पहलुओं को इस बिल में जगह दी गई है और अब हिड एंड रन मामले में मौत होने पर 2 लाख रुपये का मुआवजा दिए जाएगा, जो पहले 25 हजार था।
राज्यसभा में मोटर व्हीकल संशोधन बिल पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने विपक्ष की ओर से सुझाए गए कुछ सुझावों को बिल में शामिल कर लिया। गडकरी ने कहा कि हम किसी ड्राइविंग स्कूल को बंद नहीं कर रहे हैं जिनको राज्यों की ओर से चलाया जा रहा है। हम नए स्कूल खोलना चाहते हैं जिसके लिए जमीन और पैसे की जरूरत होती है। अगर कोई ऐसे स्कूल खोलेगा तो हम एक करोड़ का अनुदान देने के लिए तैयार हैं लेकिन प्रस्ताव राज्य के परिवहन विभाग की ओर से आना चाहिए। बड़े शहरों में नहीं बल्कि ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में ड्राइविंग स्कूलों की जरूरत है। एक हजार स्कूलों पर हम 22 लाख ड्राइवरों की पूर्ति कर पाएंगे।
राज्यों का एक पैसा नहीं ले रहे: गडकरी
नितिन गडकरी ने कहा कि अब मोबाइल फोन के जरिए टोल दिया जा सकेगा। साथ ही फास्ट टैग की लगाया जाएगा, किसी को टोल पर रुकना नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट पॉलिसी के लिए राज्यों का अनुबंध कानून है। मंत्री ने कहा कि मैंने तो यहां प्रिंटिंग गलती तक के लिए माफी मांग ली है। धौला कुंआ से मानेसर तक के लिए स्काईबस लाने जा रहे हैं जो 265 सीटों की होगी। यह भारत सरकार की कंपनी ही बनाएगी। डीजल की जगह हवा में चलने वाली बस में जाएं, जिससे डीजल कम लगेगा और आराम से बैठकर जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस कानून से हम राज्यों को एक पैसा भी नहीं लेने वाले हैं।
परिवहन विभाग का बोझ कम किया जा सकेगा
गडकरी ने कहा कि लाइसेंस की वैधता को 3 से बढ़ाकर 5 साल किया गया है, इससे परिवहन विभाग का बोझ कम किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्यों को बसों को अनुबंधित करने का अधिकार है और उसमें हम दखल नहीं देना चाहते हैं। बिल में सस्ते किराए में अच्छी सुविधा वाली बसों को चलाने के लिए कदम उठाए गए हैं। राज्य परिवहनों की आर्थिक हालत बेहद खराब है अगर कोई कॉरपोरेशन अपना पैसा लगाकर बस चलाना चाहता है तो सरकार को क्या दिक्कत होगी। हम सिर्फ जन परिवहन को बढ़ावा देना चाहते हैं। मल्टी मॉडल हब के लिए सड़क, रेल, हवाई और जल यात्रा एक ही विभाग से होना चाहिए लेकिन इसे मानने के लिए राज्य सरकारें स्वतंत्र हैं। अच्छी और सस्ती टेक्नोलॉजी अगर आ रही है तो उसे स्वीकार करना है तो कीजिए वरना नहीं भी कर सकते हैं।
घर बैठे मिलेगा लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस: गडकरी
नितिन गडकरी ने कहा कि ड्राइविंग स्कूल कॉरपोरेट को नहीं दे रहे हैं। कुछ कंपनियों ने अपने CSR से अपने इलाकों में ऐसे स्कूल शुरू किए हैं। देश में ड्राइवरों को जरूरत है और अगर सांसद आगे आए तो उन्हें भी अनुदान देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि यह विषय समवर्ती सूची का है और गाड़ियों के फिटनेस सेंटर ज्यादा से ज्यादा खोलने होंगे ताकि लोगों को दिक्कत न हो। मंत्री ने कहा कि लाइसेंस प्रक्रिया को सरल करने की ओर कदम उठाए हैं और अब लर्निंग का लाइसेंस ऑनलाइन ही मिल सकेगा, अगर पहचान सत्यापित होती है। इसके लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं है। ड्राइविंग लाइसेंस के परीक्षण को कड़ा बनाया जाएगा। परीक्षा पास करे बगैर किसी को भी लाइसेंस नहीं दिया जाएगा, चाहे वो को भी हो।