उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के सही नाम नहीं लिखे जाने के संबंध में एक पत्र उन्हें सौंपा।
राजभवन के एक प्रवक्ता ने बताया कि राज्यपाल नाईक ने कल राष्ट्रपति को सम्बोधित एक पत्र में कहा है कि केन्द्र एवं राज्य सरकारों के दस्तावेजों में डॉक्टर आंबेडकर का नाम सही नहीं लिखा जा रहा है। किसी भी व्यक्ति का नाम उसी तरह लिखा जाना चाहिए जिस प्रकार से वह स्वयं लिखता हो। इस दृष्टि से ‘भारत का संविधान’ की मूल हिन्दी प्रति के पृष्ठ 254 पर किए गए हस्ताक्षर (भीमराव रामजी आंबेडकर) के अनुसार बाबा साहब का नाम डॉक्टर ‘भीमराव आंबेडकर’ लिखा जाना उचित होगा नाकि डॉक्टर ‘भीम राव अम्बेडकर’। भीमराव एक शब्द है न कि अलग-अलग।
नाईक ने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि यदि उनके स्तर से इस विषय पर कदम उठाया जायेगा अथवा दिशा-निर्देश निर्गत किए जाएंगे तो देश में एक अच्छा संदेश जायेगा। देशवासी डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के प्रति सही अर्थों में सम्मान एवं कृतज्ञता प्रकट कर सकेंगे।
राज्यपाल ने मीडिया के माध्यम से लोगों को देश के संविधान शिल्पी डॉक्टर भीमराव आंबेडकर का सही नाम लिखने का अनुरोध किया।
नाईक ने बताया कि उन्होंने उत्तर प्रदेश में डॉक्टर आंबेडकर के नाम से जुड़े विश्वविद्यालय एवं अन्य संस्थानों में बाबा साहब का सही नाम लिखे जाने के संबंध में पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से चर्चा की है। उन्होंने विश्वास जताया कि 14 दिसंबर से आहूत उत्तर प्रदेश विधान मण्डल के सत्र में इस विषय पर चर्चा के बाद सकारात्मक कार्रवाई की जायेगी।