रामचन्द्र गुहा ने अपने ट्विटर अकाउंट के जरिये पीएम मोदी की आलोचना की है। गुहा ने सोमवार को एक ट्विट किया जिसमें उन्होंने लिखा, ‘जब प्रधान सेवक प्रधान सेल्फ प्रमोटर बन जाए।’ दरअसल रामचन्द्र ने अपने इस ट्विट के साथ एक रिपोर्ट भी शेयर की है जिसमें बताया गया है कि केन्द्र सरकार ने पीएम मोदी की विशेषताओं को बताने के लिए विज्ञापन पर 11 सौ करोड़ रुपये खर्च किए।
When the Pradhan Sevak became the Pradhan Self-Promoter: https://t.co/OMc4LV47ln
— Ramachandra Guha (@Ram_Guha) July 24, 2017
गौरतलब है कि नवंबर 2016 में एक आरटीआई के जरिए खुलासा हुआ था कि केन्द्र सरकार ने सरकार की कामयाबियों को बताने के लिए विज्ञापन पर 11 सौ करोड़ रुपये खर्च किए। रामचन्द्र गुहा ने इस रिपोर्ट के आधार पर ट्वीट किया था।
हालांकि, रामचन्द्र गुहा के इस ट्विट के बाद उन्हें यूजर्स के कई अजीबो-गरीब ट्विट का शिकार होना पड़ा। एक यूजर ने लिखा, पीएम का ये फैसला खुद को भारत रत्न देने से तो अच्छा है। एक ने लिखा कि इसमें गलत क्या है, मोदी भारत सरकार की योजनाओं के ब्रान्ड एम्बेसडर हैं और उन्हें सरकारी एड में आना चाहिए।
वहीं, एक अन्य यूजर ने लिखा कि जब प्रधान इतिहास का शिक्षक, कांग्रेस का प्रधान प्रचारक बन जाए तो यही होता है। एक का कहना है कि इतिहासकारों को दोनों पक्ष का ध्यान रखना चाहिए, कभी-कभी आईना देख लेना फायदेमंद होता है।
बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब रामचंद्र गुहा ने पीएम मोदी की आलोचना की है, इससे पहले भी गुहा मोदी और भाजपा सरकार की आलोचना कर चुके हैं। इस तरह के टिप्पणी करने के बाद कई लोग रामचंद्र गुहा पर कांग्रेस का समर्थक होने का आरोप लगाते हैं।