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मद्रास हाईकोर्ट से पलानीसामी सरकार को राहत, अयोग्य ही रहेंगे AIADMK के 18 बागी विधायक

गुरुवार को मद्रास हाईकोर्ट ने ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके) के 18 विधायकों के...
मद्रास हाईकोर्ट से पलानीसामी सरकार को राहत, अयोग्य ही रहेंगे AIADMK के 18 बागी विधायक

गुरुवार को मद्रास हाईकोर्ट ने ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके) के 18 विधायकों के अयोग्य होने के मामले में फैसला सुना दिया है। अपने इस फैसले में मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु के 18 विधायकों की अयोग्यता को बरकरार रखा। ये विधायक एआईएडीएमके से अलग नई पार्टी बनाने वाले टीटीवी दिनाकरन के समर्थक हैं।

पिछले साल विश्वासमत प्रस्ताव से पहले पलानीसामी सरकार के खिलाफ बगावत करने पर विधानसभा स्पीकर पी धनपाल ने विधायकों को अयोग्य ठहराया था। यह कार्रवाई दल बदल कानून के तहत की गई थी। विधायकों ने मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जून में अदालत ने खंडित जनादेश दिया था। इसके बाद इसे सुनवाई के लिए बड़ी बेंच के पास भेजा गया।

गुरुवार को जस्टिस सत्यानारायण ने विधानसभा स्पीकर के फैसले को सही ठहराते हुए 18 विधायकों को अयोग्य घोषित किया है।  

मुख्यमंत्री पलानीसामी को मिली राहत 

हाईकोर्ट के फैसले से मुख्यमंत्री पलानीसामी को राहत मिली है। उनके पास फिलहाल अन्नाद्रमुक के 117 विधायकों का समर्थन है। निर्दलीय विधायक बनने पर दिनाकरन ने कहा था कि पलानीसामी की सरकार ज्यादा दिन नहीं टिकेगी। वे अपने समर्थक 18 विधायकों के साथ विपक्ष (99 विधायकों) के साथ जाने की तैयारी में थे। ऐसे में विपक्ष के विधायकों की संख्या 117 हो जाती और मौजूदा सरकार के गिरने का खतरा था। तमिलनाडु विधानसभा में कुल 235 सीटें हैं। इनमें एक सदस्य मनोनीय सदस्य भी शामिल है।

कोर्ट के फैसले पर जानें क्या बोले  मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत 

इस मामले को लेकर देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ओमप्रकाश रावत ने कहा, 'अयोग्य ठहराए जाने से विधानसभी सीटें रिक्त हो गई हैं, और जब भी कोई रिक्ति होती है, हमें छह माह के भीतर चुनाव (उपचुनाव) करवाने होते हैं, सो आयोग इस लिहाज़ से देखेगा'।

जानें कोर्ट के फैसले पर क्या बोले टीटीवी दिनाकरण

AIADMK के शशिकला गुट के नेता टीटीवी दिनाकरण ने 18 पार्टी विधायकों को अयोग्य घोषित करने के मामले में मद्रास हाईकोर्ट द्वारा तमिलनाडु विधानसभा स्पीकर के फैसले को बरकरार रखे जाने पर प्रतिक्रिया में कहा, ‘यह हमारे लिए झटका नहीं है। यह तजुर्बा है और हम हालात का सामना करेंगे। इन 18 विधायकों से मिलने के बाद भविष्य की रणनीति तय की जाएगी’।

18 सितंबर 2017 को तमिलनाडु विधानसभा स्पीकर ने रद्द की थी AIADMK विधायकों की सदस्यता

दरअसल, 18 सितंबर 2017 को तमिलनाडु विधानसभा के स्पीकर पी. धनपाल ने 18 एआईएडीएमके विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी। अन्नाद्रमुक के विधायकों ने राज्यपाल से मिलकर पलानीसामी सरकार में अविश्वास जाहिर किया था। इस पर पार्टी के चीफ विप एस. राजेंद्रन ने स्पीकर से शिकायत की थी। सदस्यता रद्द होने के बाद विधायक हाई कोर्ट चले गए थे। 20 सितंबर 2017 को हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को इन विधायकों की सीटें खाली घोषित करने से रोक दिया था।

विश्वासमत से पहले राज्यपाल से मिले थे 19 विधायक

तमिलनाडु विधानसभा में विश्वासमत से पहले 22 अगस्त, 2017 को दिनाकरन गुट के 19 विधायक राज्यपाल विद्यासागर राव से मिले थे। तब उन्होंने सरकार से समर्थन वापस लेने की बात कही थी। सभी विधायक पलानीसामी को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग कर रहे थे। बाद में इन विधायकों में से एसकेटी जक्कैयां बाद में पलानीसामी खेमे में लौट आए थे, लिहाजा उनकी सदस्यता बच गई थी।

ये हैं अयोग्य घोषित किए गए विधायक

थंगा तमिल सेलवन, आर मुरुगन, मारियुप कन्नेडी, के काथीरकमू, सी जयंती पद्मनाभन, पी पलनिअप्पन, वी. सेंथिल बालाजी, सी. मुथैया, पी. वेत्रिवेल, एनजी. पार्थीबन, एम. कोठांदपानी, टीए. एलुमलै, एम. रंगासामी, आर. थंगादुराई, आर. बालासुब्रमणी, एसजी. सुब्रमण्यम, आर. सुंदरराज और के. उमा महेश्वरी हैं।

दिनाकरन ने बनाई थी नई पार्टी

जयललिता के निधन के बाद एआईएडीएमके के दो टुकड़े हो गए। इसके बाद मार्च, 2018 में टीटीवी ने नई पार्टी अम्मा मक्कल मुनेत्र कझगम (एएमएमके) बनाने का फैसला किया। दिनाकरण ने कहा था कि वे एआईएडीएमके चुनाव चिह्न दो पत्ती को हासिल करने की कोशिश करेंगे। तब तक कुकर उनका चुनाव चिह्न होगा।

सदस्यता रद्द किए जाने पर 18 विधायकों ने दायर की थी याचिका

मद्रास हाईकोर्ट में इन 18 विधायकों ने अपनी सदस्यता रद्द किए जाने पर याचिका दायर की थी लेकिन 14 जून को दो अलग जजों ने इस मामले में अलग फैसला दिया था। चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने विधायकों की अयोग्यता के फैसले को बरकरार रखा था। वहीं, जस्टिस एम सुंदर का मानना था कि इस फैसले को रद्द कर दिया जाए। दो सदस्यों की पीठ में हुए मतभेद की वजह से इस मामले को तीन सदस्यीय पीठ के पास भेजा गया था।

जस्टिस सत्यनारायण 27 जून को इस मामले के तीसरे जज बने थे और उन्होंने 31 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। 18 विधायकों को सीएम पलानीसामी का विरोध करने की वजह से अयोग्य ठहराया गया था। यह अयोग्य ठहराए गए विधायक टीटीवी दिनकरण खेमे के हैं।

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