यूपीएम इंडिया के एमडी योगेश मुद्रास ने बताया कि इस प्रदर्शनी में 40 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया है। मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी के सेक्रेट्री उपेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि अब तक सरकार की योजना थी कि साल 2022 तक एक लाख मेगावाट सोलर पावर में से 20 हजार मेगावाट पावर सोलर पार्क स्कीम से मिलेगी। इसके लिए देश भर में कम से कम 25 पार्क बनाए जाने हैं, जिनकी मिनिमम कैपेसिटी 500 मेगावाट होगी। अब एमएनआरई का प्रस्ताव है कि देश भर में सोलर पार्क स्कीम से 40 हजार मेगावाट सोलर पावर जनरेट की जाए, इसके लिए सोलर पार्क की संख्या दोगुनी की जाएगी।
उपेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि फाइनेंस मिनिस्ट्री ने उनके इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। अब इसे जल्द ही कैबिनेट के पास भेजा जाएगा। उम्मीद है कि दो सप्ताह के भीतर इसे मंजूरी मिल जाएगी। सरकार सोलर से उत्पन्न बिजली के स्टोरेज पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य 2022 तक देश के हर कोने में, हर घर में बिजली पहुंचाने का है। और हम इस पर लगातार आगे बढ़ रहे हैं। साथ ही हमने 2022 तक सौर ऊर्जा समेत अक्षय ऊर्जा उत्पादन बढ़ाकर 1,75,000 मेगावॉट करने का लक्ष्य रखा है।' अक्षय ऊर्जा के इस लक्ष्य में सौर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता 1,00,000 मेगावॉट, पवन ऊर्जा क्षमता 60,000 मेगावॉट, पनबिजली 10,000 मेगावॉट तथा शेष बायोमास और पनबिजली क्षेत्र से प्राप्त करने का लक्ष्य है। एक्सपो में जापान, स्विटजरलैंड, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, ताईवान, चीन, आस्ट्रेलिया, इटली, कनाडा, मलेशिया, जर्मनी, स्पेन, सिंगापुर, बेल्जियम आदि देश हिस्सा ले रहे हैं।