Advertisement

दक्षिणपंथी समूह ने ताज महल में 'उर्स' के आयोजन को दी चुनौती, आगरा कोर्ट में दायर की याचिका

दक्षिणपंथी संगठन अखिल भारत हिंदू महासभा ने आगरा की एक अदालत में एक याचिका दायर की है, जिसमें ताज महल...
दक्षिणपंथी समूह ने ताज महल में 'उर्स' के आयोजन को दी चुनौती, आगरा कोर्ट में दायर की याचिका

दक्षिणपंथी संगठन अखिल भारत हिंदू महासभा ने आगरा की एक अदालत में एक याचिका दायर की है, जिसमें ताज महल में 'उर्स' के आयोजन को चुनौती दी गई है और आयोजन के दौरान मुफ्त प्रवेश पर आपत्ति जताई गई है। कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए 4 मार्च की तारीख तय की है।

इस साल 6 फरवरी से 8 फरवरी तक चलने वाला 'उर्स' कार्यक्रम 1653 में ताज महल के वास्तुकार, मुगल सम्राट शाहजहाँ की मृत्यु की याद दिलाता है। याचिकाकर्ता के वकील अनिल कुमार तिवारी के अनुसार, संगठन ताज महल में 'उर्स' के जश्न को रोकने के लिए सैय्यद इब्राहिम जैदी की अध्यक्षता वाली शाहजहां 'उर्स' उत्सव समिति के खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञा की मांग कर रहा है। संगठन ने इतिहासकार राज किशोर राजे द्वारा दायर एक आरटीआई का हवाला देते हुए ताज महल के अंदर 'उर्स' समारोह की अनुमति देने की ऐतिहासिक प्रामाणिकता पर सवाल उठाया है।

अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रवक्ता संजय जाट ने कहा, "याचिका एक आरटीआई के आधार पर दायर की गई है, जिसमें पता चला है कि न तो मुगलों और न ही अंग्रेजों ने ताज के अंदर उर्स की अनुमति दी थी। इसलिए, उस आधार पर, हमने आयोजकों को ताज महल में 'उर्स' मनाने से रोकने के लिए निषेधाज्ञा की मांग करते हुए एक याचिका दायर की है।'' 'उर्स' कार्यक्रम में 'चादर पोशी,' 'चंदन,' 'गुसुल,' 'कुल' सहित विभिन्न अनुष्ठान शामिल होते हैं। 'उर्स' के अंतिम दिन, पारंपरिक रूप से 1,880 मीटर या उससे अधिक की 'चादर' चढ़ाई जाती है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
  Close Ad