गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सोमवार को तेजस्वी यादव ने सिसवा खरार स्थित बुद्ध प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने दीप जलाकर बुद्ध पूर्णिमा महोत्सव का उद्घाटन किया।सभा को संबोधित करते हुए यादव ने संवाददाताओं से कहा, "हम सरकार नहीं बनाना चाहते हैं, हम बिहार के विकास के लिए काम करना चाहते हैं। बिहार तभी तरक्की करेगा जब युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। गरीबी खत्म होगी, पलायन रुकेगा, चीनी मिलें शुरू होंगी और उद्योग लगेंगे।"
तेजस्वी यादव ने 2025 के विधानसभा चुनाव के लिए अपने विजन को भी रेखांकित किया और युवाओं से बदलाव लाने की अपील की। सरकार की तुलना एक पुरानी गाड़ी से करते हुए यादव ने कहा, "सरकार भी गाड़ियों को 15 साल से ज़्यादा चलने नहीं देती क्योंकि वे धुआँ छोड़ती हैं, प्रदूषण फैलाती हैं और बीच रास्ते में ही खराब हो जाती हैं जिससे असुविधा होती है। जब तक बदलाव नहीं होगा, बिहार पिछड़ता रहेगा।"
इससे पहले तेजस्वी यादव ने बजट सत्र के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के बारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हुए उन्हें बेहद अपमानजनक बताया।
एक्स पर एक पोस्ट में, यादव ने अपनी असहमति व्यक्त करते हुए कहा, "माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार द्वारा विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती राबड़ी के प्रति बार-बार दिखाया गया अनादर अत्यधिक निंदनीय है।"
यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री के कार्यों पर भी सवाल उठाया तथा राज्य के धार्मिक महत्व और उसके नेता द्वारा प्रयुक्त भाषा के बीच अंतर का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, "बिहार वो धरती है जहां माता सीता का जन्म हुआ और जब बिहार का नेता खुद महिलाओं के प्रति ऐसी कठोर भाषा का इस्तेमाल करता है, तो बिहार के लिए इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है?"राजद नेता ने राज्य में महिला सशक्तिकरण के प्रतीक के रूप में राबड़ी देवी की भूमिका पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, "राबड़ी देवी बिहार में महिला सशक्तिकरण की जीवंत प्रतीक हैं। वे बिहार की हर महिला में आशा, विश्वास और उत्साह का संचार करती हैं, उन्हें यह विश्वास दिलाती हैं कि यहां न केवल पुरुष, बल्कि महिलाएं भी जीवन भर अन्याय के खिलाफ लड़ने, अपने परिवार को संभालने और पूरे राज्य की समृद्धि में योगदान देने के लिए पर्याप्त शक्तिशाली हैं।"
तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के व्यवहार की कड़ी आलोचना करते हुए इसे नारी शक्ति का अपमान और पितृसत्तात्मक मानसिकता का परिचायक बताया। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री द्वारा इस तरह की आपत्तिजनक भाषा, दुर्व्यवहार, अशिष्ट व्यवहार और अपमान नारी शक्ति का घोर अपमान है और महिलाओं को हीन समझने वाली पितृसत्तात्मक मानसिकता को दर्शाता है।"