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शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने नोएडा-फरीदाबाद का एक रास्ता खोला, फिर किया बंद

शाहीन बाग-कालिंदी कुंज से नोएडा और फरीदाबाद जाने वाले एक सड़क को प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने शनिवार...
शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने नोएडा-फरीदाबाद का एक रास्ता खोला, फिर किया बंद

शाहीन बाग-कालिंदी कुंज से नोएडा और फरीदाबाद जाने वाले एक सड़क को प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने शनिवार को खोला जिसके तुरंत बाद दूसरे समूह ने बंद कर दिया। दिल्ली पुलिस के कहा कि प्रदर्शनकारियों ने कालिंदी कुंज के लिए एक सड़क का एक छोटा सा हिस्सा खोला ताकि स्थानीय लोग अपने दो पहिया वाहनों के साथ वहां से गुजर सकें। पुलिस उपायुक्त (साउथ-ईस्ट) आर पी मीणा ने कहा, "शाम के वक्त शाहीन बाग में सड़क संख्या 9 को प्रदर्शनकारियों के एक समूह द्वारा खोला गया लेकिन उसके तुरंत बाद दूसरे समूह द्वारा बंद कर दिया।"

बता दें, सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (सीएए), नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) को लेकर पिछले 2 महीने से अधिक समय से बच्चे, महिलाएं और स्टूडेंट्स प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछले दिनों नियुक्त किए गए वार्ताकारों से लगातार चार दिनों से बातचीत चल रही है, जो अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा हैं।

पहले भी खोला गया था रास्ता

शुक्रवार को भी शाहीन बाग में नोएडा और फरीदाबाद को जाने वाली सड़क को कुछ देर के लिए खोला गया था। खबरों के मुताबिक इस रूट पर एक बस खराब हो गई थी, जिसकी वजह से इस सड़क को करीब 40 मिनट के लिए खोला गया, लेकिन उसके बाद इसे फिर बंद कर दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी चिंता

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा था कि शाहीन बाग में सड़क बंद होना परेशानी पैदा करने वाला है और प्रदर्शनकारियों को किसी दूसरी जगह जाना चाहिए जहां कोई सार्वजनिक स्थान अवरुद्ध नहीं हो। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने ने प्रदर्शनकारियों के विरोध के अधिकार को बरकरार रखा। अदालत ने वार्ताकार संजय हेगड़े से प्रदर्शनकारियों को किसी वैकल्पिक स्थान पर जाने के लिए मनाने में भी सकारात्मक भूमिका निभाने को कहा था। कोर्ट ने कहा था कि वार्ताकार इस मामले में पूर्व आईएस ऑफिसर वजाहत हबीबुल्ला की मदद मांग सकते हैं।

वार्ताकारों की नियुक्ति

सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग के बंद रास्ते को खुलवाने के लिए आंदोलनकारियों से बातचीत के लिए मध्यस्थों की नियुक्ति की है। वार्ताकार संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन अब तक चार बार प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर चुके है लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका है। 

 

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