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कुछ घटनाओं को छोड़कर कथित 'भारत बंद' पर जनजीवन रहा सामान्य

कुछ अप्रिय घटनाओं को छोड़ दें तो आरक्षण के विरोध में सोशल मीडिया द्वारा आहूत कथित 'भारत बंद' आज पूरी तरह...
कुछ घटनाओं को छोड़कर कथित 'भारत बंद' पर जनजीवन रहा सामान्य

कुछ अप्रिय घटनाओं को छोड़ दें तो आरक्षण के विरोध में सोशल मीडिया द्वारा आहूत कथित 'भारत बंद' आज पूरी तरह बेअसर रहा। इस बंद का आह्वान सोशल मीडिया के जरिये अनाधिकृत रूप से किया गया था। बंद के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गए थे।

अधिकारियों ने बताया कि मध्य प्रदेश और राजस्थान के कुछ इलाकों में दुकानें बंद रहीं। इसके साथ ही अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए कुछ संवेदनशील इलाकों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया था।

बिहार में ट्रेनों को अवरूद्ध करने की कोशिश की गयी। हालांकि राज्य से कुछ हिंसक घटनाओं की खबरें आईं। बिहार के आरा में गोली चली वहीं गया में पुलिस के ऊपर पथराव किया गया। पुलिस ने बिहार में प्रदर्शन से जुड़े 127 लोगों को गिरफ्तार किया। 

‘चंपारण सत्याग्रह ’ के सौ वर्ष पूरे होने पर आयोजित समारोहों में हिस्सा लेने बिहार गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विपक्ष पर ‘ संसद से सड़क तक ’ सरकार के काम में बाधा उत्पन्न करने का आरोप लगाया। उनका इशारा दो अप्रैल को विभिन्न दलित संगठनों द्वारा आयोजित भारत बंद की ओर था। इस बंद ने हिंसक रूप ले लिया था और भाजपा इसके लिए विपक्षी दलों को जिम्मेदार ठहरा रही है।

विभिन्न दलित संगठनों द्वारा पिछले सप्ताह आहूत भारत बंद के जवाब में आज के बंद का आह्वान किया गया था। हालांकि उस दिन के प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था और कम से कम 11 लोगों की मौत हो गयी थी। अकेले मध्य प्रदेश में आठ लोगों की जान गयी थी।

भोपाल में स्कूल खुले रहे और उनमें से कुछ ने अपनी बस सेवाओं को निलंबित कर दिया था। मध्य प्रदेश में अधिकारियों ने कहा कि सोशल मीडिया ने बंद का आह्वान किया था और किसी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली।

दलितों द्वारा आयोजित बंद के दौरान बुरी तरह प्रभावित रहे राजस्थान में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गयी थी। साथ ही एहतियात के तौर पर सूबे की राजधानी में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया था।

जयपुर में अधिकारियों ने बताया कि जिलों के पुलिस अधीक्षकों एवं कलेक्टरों को किसी तरह की गड़बड़ी की सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।

शिक्षा और नौकरियों में जाति आधारित आरक्षण के खिलाफ भारत बंद के आह्वान को देखते हुए कल गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को सुरक्षा कड़ी करने और हिंसा भड़कने से रोकने का निर्देश दिया था।

एडीजी ( कानून-व्यवस्था ) एनआरके रेड्डी ने जयपुर में पीटीआई को बताया, ‘‘राज्य में स्थिति शांतिपूर्ण है।’’ उन्होंने बताया कि राज्य के विभिन्न जिलों के संवदेनशील इलाकों में बीएसएफ और सीआरपीएफ सहित अर्धसैनिक बलों की कंपनियों को तैनात किया गया है।

वहीं मध्य प्रदेश के मुरैना और भिंड में दिन में कर्फ्यू लागू कर दिया गया था। दलितों द्वारा आयोजित बंद के दौरान इन इलाकों से लोगों के हताहत होने की खबर मिली थी। इसके अलावा किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए राज्य के ग्वालियर, भोपाल, सागर और कुछ अन्य संवेदनशील शहरों में धारा 144 लागू कर दी गयी थी।

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘ तथाकथित बंद का अब तक कोई असर देखने को नहीं मिला है। राज्य पुलिस सोशल मीडिया पर करीबी निगाह रख रही है।’’

अधिकारियों ने बताया कि अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए ग्वालियर-चंबल इलाके में भी मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया था। उत्तर प्रदेश में जनजीवन आम तौर पर सामान्य रहा और अधिकारियों के मुताबिक दोपहर तक राज्य के किसी भी हिस्से से कोई अप्रिय सूचना नहीं मिली।

वहीं गुजरात में भी आज के बंद का कोई प्रभाव देखने को नहीं मिला। प्रमुख शहरों और नगरों में प्रतिष्ठान और बाजार खुले रहें। पंजाब और हरियाणा में बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला। कुछ इलाकों में दुकान और प्रतिष्ठान बंद रहे। इसके अलावा कुछ इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने जुलूस निकाले।

पंजाब पुलिस ने किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजामात किये थे। उत्तर प्रदेश में भी जनजीवन सामान्य रहा।

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