मनमोहन वैद्य ने महात्मा गांधी की हत्या के मामले में राहुल गांधी के बयान पर कहा, संघ का नाम न कोर्ट की कार्यवाही में है न चार्जशीट में। खुद अभियुक्तों ने कभी संघ का नाम नहीं लिया तो हत्या के लिए संघ जिम्मेदार कैसे हो गया। वैद्य ने यह भी बताया कि गांधी की हत्या के बाद दो कमीशन बने थे। उन कमीशनों ने भी संघ का नाम नहीं लिया।
मनमोहन वैद्य उदयपुर में गुरुवार से शुरू हुई आरएसएस की दो दिवसीय राष्ट्रीय समन्वय बैठक के पहले दिन मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा यह न्यायिक प्रक्रिया का विषय है और निर्णय लेने का काम कोर्ट का है न कि आरोप लगाने वालों का। बातचीत में उन्होंने कहीं भी राहुल गांधी के नाम का जिक्र नहीं किया। उन्होंने कहा ये वे लोग हैं जो न्यायिक प्रक्रिया में घोषित आतंकियों की बैठक में जाकर उनका गुणगान करते हैं। यदि इनके पास कोई सबूत है तो साबित करें। ऐसे लोगों में सत्य को स्वीकार करने की हिम्मत नहीं है,इसलिए न्यायालय से भागते फिर रहे हैं।
नाथूराम गोडसे के संघ से जुड़ाव के बारे में वैद्य ने कहा कि संघ खुला संगठन है। लोग इससे जुड़ते हैं, अलग हो जाते है या फिर निष्क्रिय हो जाते हैं। गोडसे पहले संघ के सदस्य थे, लेकिन निष्क्रिय हो जाने के बाद वह सदस्य नहीं रहे। गोवा में हुई बगावत को उन्होंने महत्व नहीं दिया। उन्होंने कहा संघ के देशभर में 42 प्रांत हैं। गोवा भी एक प्रांत है और यह विषय उस प्रांत का ही है। इस पर निर्णय भी वहीं होगा।