एंटीलिया मामले में स्पेशल कोर्ट ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को 3 अप्रैल तक लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया है। अदालत में रिमांड पर सुनवाई के दौरान मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे ने कहा कि उसे बलि का बकरा बनाया जा रहा है। वाजे ने कहा कि उसका इस केस से कोई लेना देना नहीं है।
वाजे ने कहा कि मैं केस की जांच कर रहा था। इस केस का आईओ था। कहीं कुछ बदलाव हुआ और 13 मार्च को जब एनआईए ऑफिस गया तो मुझे अरेस्ट कर लिया गया। इन सब घटनाओं के पीछे कुछ बैकग्राउंड है। मुझे सब कुछ बताना है। वाजे ने कहा कि सब कह रहें हैं कि मैंने जुर्म कबूल कर लिया है, यह गलत है। मैंने कोई जुर्म कबूल नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि मैंने इसके पहले कोई क्राइम नहीं किया। मेरा कोई रिकॉर्ड नहीं हैकि मुझे कुछ बातें कोर्ट के रिकॉर्ड पर लानी है। इस पर जज ने कहा कि आप अपने वकील से पूछिए. वकील से बात करने के बाद तय हुआ कि सचिन वाज़े लिखित में अपनी बातें कोर्ट को सौपेंगे।
एनआईए ने रिमांड की मांग करते हुए कोर्ट में कहा कि सचिन वाजे जांच में सहयोग नहीं कर रहें हैं। मनसुख हत्या मामले में गिरफ्तार दोनों आरोपियों के साथ आमने सामने बिठाकर पूछताछ करनी है। आरोपी वाजे का ब्लड सैंपल लिया गया है जिसे गाड़ी से रिकवर किए गए फॉरंसिक एविडेंस से मैच कराना है।
एनआईए के वकील ने कहा कि आरोपी ने मामले के सीसीटीवी के डीवीआर को गायब किया है। पांच सितारा होटल में कमरे बुक करने के लिए 12 लाख रुपए दिए थे। इस मामले ने ना सिर्फ मुंबई, महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया है क्योंकि इस साजिश को एक पुलिस वाले ने अंजाम दिया है तो सचिन वाले के वकील ने कोर्ट में कहा कि एनआईए साबित करे कि यूपीपीए इस केस में कैसे लग सकता है। जिलेटीन स्टीक्स डेटोनेटर के बिना बम नहीं बन सकता है। मामला अंबानी को लेकर है, ना कि पूरे समाज के खिलाफ है।