राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की स्पेशल कोर्ट ने सोमवार को केरल के वागमोन में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के हथियार प्रशिक्षण शिविर मामले में 18 लोगों को दोषी ठहराया है। दोषी ठहराए गए लोगों में प्रतिबंधित संगठन का संस्थापक सदस्य सफदर नागोरी भी शामिल है। इन सभी को एनआइए की स्पेशल कोर्ट मंगलवार को सजा सुनाएगी। यह केस दिसंबर 2007 का है।
कोर्ट ने इस मामले में 17 लोगों को बरी कर दिया क्योंकि इन पर अपराध साबित नहीं हो सका। इस मामले में शामिल एक आरोपी की मौत पुलिस के साथ मुठभेड़ में हो गई थी। एक आरोपी अभी भी फरार है जबकि एक अन्य पुलिस की हिरासत में है।
Wagamon SIMI camp case: Out of all 38 accused, Ernakulam special NIA court have found 18 guilty but could not establish the crime on 17 people. One accused killed in an encounter with police. One absconding & one is in police custody.
— ANI (@ANI) May 14, 2018
विशेष जज कौसर एडप्पागथ ने इन्हें गैरकानूनी क्रियाकलाप रोकथाम अधिनियम (यूएपीए), विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के विभिन्न वर्गों के तहत दोषी पाया। केरल के कोच्चि में सुनवाई के दौरान दो दोषियों को कोर्ट में पेश किया गया। इनके अलावा अहमदाबाद, भोपाल, बेंगलूरू की जेलों में बंद दोषियों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई।
48 वर्षीय नागौरी के अलावा सादुली, पीए शिबिली, मोहम्मद अंसार और अब्दुल सत्तार (सभी केरल के), हफीज हुसैन, मोहम्मद समी बागेवडी, नदीम सईद, डॉ. एचए असदुल्ला, शकील अहमद और मिर्जा अहमद बेग (सभी कर्नाटक के), आमिल परवाज और कमरुद्दीन नागौरी (मध्य प्रदेश के), मुफ्ती अब्दुल बशर (उत्तर प्रदेश का), दानिश और मंजर इमाम (झारखंड के), मोहम्मद अबू फैसल खान (महाराष्ट्र का) और अलाम जेब अफरीदी (गुजरात का) शामिल हैं।
इस मामले की जांच एक शिकायत के आधार पर की गई थी कि दिसंबर, 2007 में वागमोन के थंगालपारा में सिमी ने गोपनीय प्रशिक्षण शिविर लगाया था। आरोप है कि नवंबर, 2007 और उसके आसपास गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत प्रतिबंधित संगठन सिमी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने मध्यप्रदेश में इंदौर के चोराल में अपने सक्रिय कार्यकताओं के लिए प्रशिक्षण शिविर लगाने के लिए आपराधिक साजिश रची थी।
एनआईए ने आरोप लगाया है कि उन्होंने 10 दिसंबर, 2007 से 12 दिसंबर, 2007 तक कर्नाटक, मध्यप्रदेश और गुजरात में शिविर लगाए। उन्होंने कोट्टायम (केरल) में मुंडाकायम थानाक्षेत्र में वामगोन के थंगालपारा में एक गोपनीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया था।