Advertisement

फारूख अब्दुल्ला का बड़ा बयान, सज्जाद लोन के पिता घाटी में लेकर आए “गन कल्चर”

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूख अब्दुल्ला ने पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन पर तीखा...
फारूख अब्दुल्ला का बड़ा बयान, सज्जाद लोन के पिता घाटी में लेकर आए “गन कल्चर”

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूख अब्दुल्ला ने पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन पर तीखा हमला बोलते हुए संगीन आरोप लगाए हैं। अब्दुल्ला ने सज्जाद लोन के पिता अब्दुल गनी लोन को घाटी में हिंसा और “बंदूक संस्कृति” लाने का जिम्मेदार ठहराया है। अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने सज्जाद के पिता से यह विचार त्यागने का आग्रह किया, लेकिन वह नहीं माने।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा, “1984 में जब तत्कालीन राज्यपाल जगमोहन ने मुझे बर्खाश्त कर दिया, तो सज्जाद लोन के पिता मेरे पास आए। उन्होंने (अब्दुल गनी लोन) कहा कि मैं पाकिस्तान जा रहा हूं और वहां से बंदूक लेकर आऊंगा।” अब्दुल्ला ने कहा, “मैंने हाथ जोड़कर उनसे यहां बंदूक नहीं लाने का आग्रह किया। मैंने कहा कि हमारे जवान मारे जाएंगे, हमारे घर, गांव, हमारे शहर सब तबाह हो जाएंगे। यहां बंदूक लेकर नहीं आएं। लेकिन वह बंदूक लेकर आए। जब वह वापस आए, तो उन्होंने मुझसे माफी मांगी और कहा कि उन्होंने गलती कर दी। उन्हें बंदूक नहीं लाना चाहिए था।”

राज्य में पीडीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के सवाल पर अब्दुल्ला ने कहा कि यह समर्थन सिर्फ संविधान के अनुच्छेद 35(ए) और अनुच्छेद 370 बचाने के लिए दिया गया था। उन्होंने कहा, “हम ताकतों का फायदा उठाने के लिए सरकार बनाना नहीं चाहते थे, बल्कि हम अनुच्छेद 35(ए) को बचाना चाहते थे। सरकार अधिक समय तक नहीं टिकी रहती। इसे एक दिन गिरना था और चुनाव होने ही थे।”

उन्होंने कहा, “पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस की सोच अलग-अलग है, लेकिन हम साथ आए। क्यों? आप आज जम्मू-कश्मीर बैंक की हालत देख लीजिए। अगर हमारी सरकार होती, तो ऐसा कभी नहीं होता। हम अनुच्छेद 35ए और अनुच्छेद 370 को भी बचाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि “स्वायत्तता” जम्मू-कश्मीर का अधिकार है। उन्होंने अपने बयान का भी बचाव किया और कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) पाकिस्तान के अधीन है, जबकि बाकी जम्मू-कश्मीर भारत के पास है।

बता दें कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर को स्वायत्तता का दर्जा देता है, जबकि अनुच्छेद 35ए जम्मू-कश्मीर के कानून को राज्य के “स्थायी निवासी” को परिभाषित करने का अधिकार देता है। यह स्थायी निवासियों को विशेष अधिकार देता है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad