राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने केंद्र सरकार से फिर से बातचीत की शुरुआत करने को कहा है। मोर्चा ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि सरकार दोबारा बातचीत की शुरुआत करें और हमारी मांगों को मान लें। तीनों कृषि कानूनों को खत्म करे।
पत्र में किसान मोर्चा ने कहा कि 26 मई को दिल्ली की सीमाओं पर हमारे आंदोलन के छह महीने पूरे हो जाएंगे। इस दौरान हमने अपना संधर्ष जारी रखा है। इसी दिन सरकार भी अपने सात साल पूरे करेगी। इस दिन को किसान संगठन काला दिवस के रूप में मनाएंगे।
मोर्चा ने कहा कि सरकार के साथ 11 दौर की बैठक हुई लेकिन आंदोलनकारी किसानों की मांगों को नहीं माना गया। सरकार ने 22 जनवरी के बाद से बातचीत के दरवाजों को बंद कर दिया। किसान आंदोलन में 470 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है। कई आंदोलनकारियों को अपनी नौकरियां, पढ़ाई और दूसरे काम छोड़ने पड़े और सरकार अपने नागरिकों, ‘अन्न दाताओं’ के प्रति ही कितना अमानवीय और लापरवाह रुख दिखा रही है।
किसान मोर्चा ने कहा है कि कोरोना महामारी के बावजूद देश के अन्नदाता आधे साल से सड़कों पर रहने को मजबूर हैं। हम अपनी मांग पर अडिग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाए। सरकार से ये भी मांग की गई कि वो अपनी पूरी ताकत और संसाधन को कोरोना की लड़ाई में लगाए क्योंकि अब ये गांवों में भी फैल रहा है। सभी लोगों को मुफ्त में छह महीने के भीतर वैक्सीन मिले। जरूरत मंद लोगों को राशन मिले, सभी कोरोना मरीजों का मुफ्त में इलाज हो. अगर राजनीतिक इच्छाशक्ति हो तो ये सब कुछ संभव है।