सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र, दिल्ली सरकार और अन्य संबंधित अधिकारियों से कहा कि वे राष्ट्रीय राजधानी में गैरकानूनी ढांचे की सीलिंग तथा अनधिकृत निर्माण को राजनीतिक मुद्दा न बनाएं। केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एएनएस नाडकर्णी ने जब कोर्ट में बताया कि सरकार ने संबंधित एजेंसियों के साथ बैठक में अनधिकृत निर्माण पर निगरानी रखने के लिए विशेष कार्य बल (एसटीएफ) गठित करने का प्रस्ताव रखा है, तब जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने यह टिप्पणी की।
बेंच ने कहा कि कुछ बिंदु हैं और आप कृपया इन्हें ध्यान में रखें। यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों से कहा कि वे आगे बढ़न से पहले आग से सुरक्षा के पहलुओं (खासकर स्कूलों में) और गिरते भूजल स्तर पर भी ध्यान दें।
बेंच ने अधिकारियों से साफ तौर पर कहा कि लाभ से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है दिल्ली के नागरिकों का स्वास्थ्य और उन्हें इस मुद्दे को समग्रता से निपटाना चाहिए। बेंच ने अगली सुनवाई के लिए 18 अप्रैल की तारीख तय की है।
इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने चार अप्रैल को केंद्र, दिल्ली सरकार और नागरिक एजेंसियां को राष्ट्रीय राजधानी में अनधिकृत निर्माण पर रोक लगाने में विफल रहने पर कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण लोगों, खासकर बच्चों के फेफड़े क्षतिग्रस्त हो गए हैं।