सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पीठ ने 'द वायर' के पत्रकार को आंशिक राहत देते हुए निचली अदालत को 12 अप्रैल तक कार्यवाही न चलाने के लिए कहा है। साथ ही पीठ ने कहा है कि प्रेस को प्रकाशन से पहले ज्यादा जिम्मेदार होना चाहिए।
A three-judge bench of the Supreme Court, headed by Chief Justice of India Dipak Misra granted partial relief to 'The Wire' journalist till April 12. The CJI Bench observed that 'Press should be more responsible before publishing'
— ANI (@ANI) March 15, 2018
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह ने 'द वायर' की उस रिपोर्ट के खिलाफ पिछले साल नवंबर में मानहानि का केस दायर किया था जिसमें 2014 में भाजपा के सत्ता में आऩे के बाद उनकी फर्म के तेजी के विकास की बात कही गई थी। जय शाह ने कहा था कि इस रिपोर्ट के प्रकाशन से समाज में उनके सम्मान को चोट पहुंची है। इसके लिए उन्होंने अदालत से आपराधिक कार्यवाही चलाने का अनुरोध किया था। जय शाह ने इसमें लेखक रोहणी सिंह, पोर्टल के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन, सिद्धार्थ भाटिया, एम के वेणु, प्रबंध संपादक सोनोबिना गुप्ता, जन संपादक (पब्लिक एडीटर) पामेला फिलीपोज और गर लाभकारी फाउंडेसन को पार्टी बनाया था। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एस के गादवी ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 302 के तहत कोर्ट इंक्वायरी के आदेश दिए थे।
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात की निचली अदालत को निर्देश दिए कि न्यूज पोर्टल के खिलाफ कार्यवाही न चलाई जाए। साथ ही पीठ ने बेवसाइट को कहा कि प्रकाशन से पहले उसे जिम्मेदारी से काम करना चाहिए। 'द वायर' के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने ट्वीटर पर कहा, यह फैसला मीडिया के लिए आजादी वाला है। सुप्रीम कोर्ट ने 12 अप्रैल को होने वाली अगली सुनवाई तक आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है।