सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रियल एस्टेट से जुड़ी कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) को निर्देश दिया है कि वह दस मई तक उसकी रजिस्ट्री में सौ करोड़ रुपये जमा कराए।
जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (आईआरपी) को भी निर्देश दिया है कि वह जेएएल को बहाल करने की योजना पर कानून के अऩुसार विचार करे। इस बीच, कंपनी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसके पहले के आदेश पर अमल करते हुए 12 अप्रैल को सौ करोड़ रुपये जमा करा दिए गए हैं।
कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि वह उसके खुद के फिर से चालू करने के प्रस्ताव पर विचार करे क्योंकि वह हर महीने पांच सौ मकान पूरे कर रहा है। सर्वोच्च अदालत ने मकान की बजाय अपना पैसा वापस लेने के इच्छुक खरीदारों को उनका धन लौटाने के लिए अपने 21 मार्च के आदेश में जेपीएल को दो किस्तों में कोर्ट की रजिस्ट्री में दो सौ करोड़ रुपये जमा कराने का निर्देश दिया था।
कंपनी ने कहा कि वह अब तक शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में 550 करोड़ रुपये जमा करा चुकी है। उसने कहा कि 30,000 से अधिक खरीदारों में से सिर्फ आठ फीसदी ही अपना धन वापस चाहते हैं जबकि 92 फीसदी खरीदार फ्लैट चाहते हैं।
जेपीएस ने मकान खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए शीर्ष अदालत के निर्देश पर 25 जनवरी को कोर्ट में 125 करोड़ रुपये जमा कराए थे। दस जनवरी को जेएएल, जेपी इंफ्रैटेक लिमिटेड की होल्डिंग कंपनी, को यह निर्देश दिया था कि वह यह बताए कि मकान खरीदने वाले अपना मकान चाहते हैं या अपना पैसा वापस लेना चाहते हैं। चित्रा शर्मा समेत कई मकान खरीदारों ने सुप्रीम कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई है कि करीब 32,000 लोगों ने फ्लैट बुक कराए हैं और किस्त जमा कर रहे हैं।