न्यायमूर्ति एके गोयल और न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने कहा, शराब कारोबारी माल्या को दो आधारों पर अदालत की अवमानना का दोषी पाया है। कोर्ट ने मामले में सजा तय करने संबंधी बहस के लिए दस जुलाई से पहले अदालत के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया।
यह आदेश एसबीआई के नेतृत्व में बैंकों के समूह की याचिका पर आया है। याचिका में कहा गया था कि माल्या ने ब्रिटेन की कंपनी डियागो से प्राप्त चार करोड़ डॉलर की राशि विभिन्न न्यायिक आदेशों का गंभीर उल्लंघन करते हुए कथित तौर पर अपने बच्चों को भेजी थी।
9 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या के खिलाफ अदालत की अवमानना और डिएगो डील से माल्या को मिले 40 मिलियन यूएस डॉलर पर अपना आदेश सुरक्षित रखा था। बैंकों ने मांग की है कि 40 मिलियन यूएस डॉलर जो डिएगो डील से मिले थे उनको सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा कराया जाए। सुप्रीम कोर्ट का आदेश सरकार के यूके से प्रत्यार्पण में भी मदद करेगा।