सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश की घोसी सीट से बसपा के नव-निर्वाचित सांसद अतुल राय को रेप के मामले में गिरफ्तारी से छूट देने से इनकर कर दिया। राय ने याचिका दायर कर गिरफ्तारी से छूट की मांग की थी। राय पर वाराणसी की एक छात्रा ने रेप का आरोप लगाया है।
छात्रा ने राय पर केस दर्ज करवाया था, जिस पर न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उनकी गिरफ्तारी के आदेश दिए थे। इसके बाद से ही अतुल राय फरार चल रहे हैं। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की अवकाश पीठ ने कहा कि वह राय को गिरफ्तारी से राहत देने वाली याचिका पर सुनवाई करने के पक्ष में नहीं हैं।
कोर्ट पहले भी खारिज कर चुका है याचिका
इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट राय को गिरफ्तारी से अंतरिम छूट देने से इनकार कर चुका है। तब जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस संजीव खन्ना की अवकाश पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा था,‘यह रद्द करने वाला मामला नहीं है।’ इस दौरान कोर्ट ने कहा था, ‘चुनाव लड़िए और यह मुकदमा भी।’ पीठ ने अतुल राय के वकील से यह भी कहा था, ‘माफ करिएगा। आप रद्द करने की प्रक्रिया से बखूबी अवगत हैं।’ इसके बाद इस पर सोमवार को सुनवाई होनी थी जहां कोर्ट ने दोबारा अतुल राय की याचिका खारिज कर दी।
बताया था राजनीति से प्रेरित मामला
कॉलेज की छात्रा की शिकायत पर एक मई को राय के खिलाफ यह मामला दर्ज हुआ था। छात्रा ने आरोप लगाया है कि राय अपनी पत्नी से मिलवाने की बात कह कर उसे घर ले गए और वहां उसका यौन उत्पीड़न किया। वहीं, राय ने मामले को राजनीति से प्रेरित बताया था। खुद बसपा सुप्रीमो ने बचाव करते हुए कहा था कि उनके उम्मीदवारों को बदनाम करने के लिए बीजेपी साजिश कर रही है।
यूपी की घोसी सीट से गठबंधन से बसपा उम्मीदवार अतुल राय अपने प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के हरिनारायण से एक लाख 22 हजार से अधिक वोटों जीते थे।