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SC का वकीलों को निर्देश, कठुआ गैंगरेप केस की न्यायिक प्रक्रिया में बाधा न डालें

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को वकीलों को निर्देश दिया है कि वे कठुआ गैंगरेप और हत्या के मामले की न्यायिक...
SC का वकीलों को निर्देश, कठुआ गैंगरेप केस की न्यायिक प्रक्रिया में बाधा न डालें

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को वकीलों को निर्देश दिया है कि वे कठुआ गैंगरेप और हत्या के मामले की न्यायिक प्रक्रिया में बाधा नहीं डालें। सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्देश इस मामले में पीड़ित बच्ची के वकील को अन्य वकीलों द्वारा रोके जाने पर स्वतः संज्ञान लेते हुए दिया।

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविल्कर और जस्टिस डीवाइ चंद्रचूड़ की बेंच ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया, राज्य बार काउंसिल, जम्मू हाइकोर्ट बार एसोसिएशन और कठुआ जिला बार एसोसिएशन को 19 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने को कहा।

जब स्वतः संज्ञान लेने की मांग करने वाले कई वकीलों ने घटना के बारे में रिकॉर्ड सुप्रीम कोर्ट के सामने रखे तब सर्वोच्च न्यायालय ऐसा करने के लिए तैयार हो गया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक वकील से कहा था कि वे कठुआ और जम्मू-कश्मीर बार एसोसिएशन द्वारा जम्मू क्षेत्र में गैंगरेप और हत्या के विरोध में हड़ताल के बारे में रिकॉर्ड पेश करें जिससे ऐसा किया जा सके।

जम्मू-कश्मीर की ओर से पेश वकील शोएब आलम ने कहा कि पुलिस ने गुरुवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश की कोर्ट में बुलाए गए आलम ने सुप्रीम कोर्ट के कुछ वकीलों द्वारा मामले की सीबीआइ से जांच कराने की मांग का यह कहते हुए विरोध किया कि राज्य की अपराध शाखा द्वारा मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि जब आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया जाता है तो मामले को सीबीआइ को नहीं सौंपा जा सकता। उन्होंने कहा कि कठुआ के सीजेएम कोर्ट में पुलिस टीम के साथ वकीलों ने टोका-टोकी की और उन्हें आरोपपत्र दाखिल करने से रोका। बाद में आरोपपत्र मजिस्ट्रेट के घर पर सौंपा गया।

आठ साल की इस बच्ची को 10 जनवरी को उसके गांव रसाना के पास से अगवा कर लिया गया था। वह गांव के पास जंगल में पशु चराने गई थी। इसके बाद उसके साथ कई लोगों ने गैंगरेप किया। आरोपी उसे नशे में रखते थे। इस वारदात को अंजाम देने वालों में पुलिस अधिकारी और एक किशोर भी शामिल था।

बच्ची का शव उसके अपहरण के एक सप्ताह बाद बरामद किया गया था। इस सप्ताह की शुरुआत में राज्य पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक नाबालिग सहित सात लोगों पर आरोपपत्र दाखिल किया है। आरोपपत्र में बताया गया है कि किस तरह से बच्ची का अगवा करने के बाद नशा दिया गया और एक धर्म स्थल में मारने के पूर्व तक रेप किया गया।

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