सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम की उस याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने विदेश यात्रा के लिए रजिस्ट्री में जमा कराए गए दस करोड़ रुपये वापस करने की मांग की थी। साथ ही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कार्ति को अपने संसदीय क्षेत्र पर ध्यान देने की सलाह दी।
अपनी याचिका में कार्ति चिदंबरम ने पैसे वापस करने की गुहार लगाते हुए कहा था कि उन्होंने यह रकम लोन लेकर जमा कराए थे। इस पर वह ब्याज दे रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कार्ति को 10 करोड़ रुपये जमा कराने की शर्त के साथ विदेश जाने की अनुमति दी थी। कार्ति आईएनएक्स मीडिया केस और एयरसेल मैक्सिस केस में आरोपी हैं।
संसदीय क्षेत्र पर ध्यान देने की दी सलाह
सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु की शिवगंगा सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज करने वाले कार्ति चिंदबरम को सलाह भी दी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कार्ति को अपने संसदीय क्षेत्र पर अधिक ध्यान देना चाहिए।
आईएनएक्स मीडिया केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले साल अक्टूबर महीने में कार्ति चिदंबरम की भारत और विदेशों में मौजूद 54 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। इसमें उनके बैंक अकाउंट भी शामिल हैं।
मदद करने का है आरोप
कार्ति पर आरोप है कि 2007 में विदेश से 305 करोड़ रुपये पाने के लिए उन्होंने आईएनएक्स मीडिया के मालिकों की मदद की। 2007 में कार्ति के पिता पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे। आईएनएक्स मीडिया की मालिक इंद्राणी मुखर्जी ने इस साल 17 फरवरी को इस मामले में इकबालिया बयान दिया। उसी आधार पर कार्ति की गिरफ्तारी हुई थी। बाद में कार्ति चिदंबरम को इस मामले में जमानत मिल गई थी।