कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस के घोषणापत्र के खिलाफ दाखिल याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इंकार करते हुए कहा कि चुनाव होने में 48 घंटे बचे हैं और इस स्टेज पर किसी भी तरह दखल नहीं दिया जा सकता है। याचिकाकर्ता चाहें तो चुनाव के बाद वैधानिक उपाय कर सकते हैं।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, श्री राम सेना के प्रमोद मुतालिक की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने कहा कि इस मेनीफेस्टों में धर्म के आधार पर नहीं बल्कि समुदाय में सामाजिक आर्थिक स्तर पर कमजोर लोगों के लिए कहा गया है।
बुधवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान सीजेआई दीपक मिश्रा ने कहा था कि चुनाव से ठीक पहले किसी ऐसी याचिका को सुनवाई के लिए कैसे स्वीकार कर सकते है, जिसमें उम्मीदवार के चुनाव लड़ने पर रोक की मांग की गई थी।
सुनवाई के दौरान सीजेआई द्वारा कहा गया कि ये चुनाव के बाद तय होगा, तब याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि संवैधानिक पीठ का फैसला है कि कोई भी पार्टी या उम्मीदवार धर्म के आधार ओर वोट नही मांग सकता। लेकिन यहां पर धर्म के आधार पर वोट मांग गया है। याचिका में कहा गया है कि कांग्रेस ने धर्म के आधार पर घोषणा पत्र जारी किया है, जो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है।