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ज्ञानवापी मामला: सुप्रीम कोर्ट ने पुराना मामला बरकरार रखा, हिंदू पक्षों से तीन हफ्ते में मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर वाराणसी में खोजे गए 'शिवलिंग' की संरक्षण के मामले में अपने...
ज्ञानवापी मामला: सुप्रीम कोर्ट ने पुराना मामला बरकरार रखा, हिंदू पक्षों से तीन हफ्ते में मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर वाराणसी में खोजे गए 'शिवलिंग' की संरक्षण के मामले में अपने पहले के आदेश को आगे बढ़ा दिया है। अदालत ने कहा कि अगले आदेश तक इसका संरक्षण बढ़ाया जाए। कोर्ट ने हिंदू पक्ष को जवाब देने के लिए तीन हफ्ते का वक्त दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्षों को ज्ञानवापी विवाद पर केस को मजबूत करने के लिए वाराणसी के जिला न्यायाधीश के समक्ष आवेदन करने की अनुमति दी। बता दें कि इससे पहले सुनवाई में शीर्ष अदालत ने 'शिवलिंग' के संरक्षण का आदेश दिया था। आज उसी आदेश को अगले फैसले तक बरकरार रखा गया है।

पीटीआई के मुताबिक, उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी विवाद से जुड़े मुकदमे में अपना पक्ष मजबूत बनाने के लिए हिंदू पक्षों को वाराणसी के जिला न्यायाधीश के समक्ष आवेदन करने की अनुमति दी। उच्चतम न्यायालय ने सर्वेक्षण आयुक्त की नियुक्ति के संबंध में उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली ज्ञानवापी मस्जिद समिति की याचिका पर हिंदू पक्षों से तीन सप्ताह में जवाब देने को कहा।

हिंदू पक्ष की ओर से वकील विष्णु शंकर जैन ने गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख करते हुए याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने शिवलिंग की सुरक्षा के मामले पर आज दोपहर तीन बजे सुनवाई तय की थी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले आदेश में वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि मस्जिद के अंदर जिस स्थान पर 'शिवलिंग' मिला है, उसे संरक्षित रखा जाए।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को एक अंतरिम आदेश पारित किया था जिसमें वाराणसी के जिलाधिकारी को को ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर के अंदर उस क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था, जहां सर्वेक्षण में 'शिवलिंग' मिलने की बात की गई थी।

 

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