उच्चतम न्यायालय ने कथित रूप से अश्लील सामग्री वाले वीडियो वितरित करने के मामले में कारोबारी राज कुंद्रा और अभिनेत्रियों शर्लिन चोपड़ा एवं पूनम पांडे समेत अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के संबंध में उनकी अग्रिम जमानत याचिका मंगलवार को स्वीकार कर ली।
न्यायमूर्ति एम के जोसेफ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने कुंद्रा एवं अन्य आरोपियों को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया।
पीठ ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद हमारा मानना है कि याचिकाकर्ताओं की अग्रिम जमानत मंजूर की जा सकती है।’’
एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील आर बसंत ने दलील दी कि मामले में पहले ही आरोप पत्र दायर किया जा चुका है और आरोपी जांच में पुलिस का सहयोग कर रहे हैं। शीर्ष अदालत ने पहले इस मामले में कुंद्रा को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था।
कथित अश्लील वीडियो वितरित / प्रसारित करने के आरोप में कुंद्रा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की प्रासंगिक धाराओं, स्त्री अशिष्ट रूपण (प्रतिषेध) अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। प्राथमिकी में चोपड़ा और पांडे को सह-आरोपी बनाया गया है।
कुंद्रा के वकीलों ने दावा किया कि वह सामग्री निर्माण, प्रकाशन या कथित अवैध वीडियो के प्रसारण में किसी भी तरह शामिल नहीं थे, जबकि जिन अभिनेत्रियों को आरोपियों के रूप में नामजद किया गया है, उन्होंने वीडियो शूट करने के लिए पूर्ण सहमति दी थी।