सुप्रीम कोर्ट ने फर्जी मुठभेड़ों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है और इस पर दो सप्ताह में जवाब मांगा है। कोर्ट में मुठभेड़ों के नाम पर बेगुनाहों को मारने का आरोप लगाया गया है।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविल्कर और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने एनजीओ पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टी (पीयूसीएल) की पीआईएल पर नोटिस जारी किया है।
पीयूसीएल की ओर से वकील संजय पारिख ने आरोप लगाया कि हाल में उत्तर प्रदेश में पांच सौ मुठभेड़ हुई है जिनमें कुल 58 लोग मारे गये। पीठ ने मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी पार्टी बनाने का अनुरोध स्वीकार नहीं किया।
उत्तर प्रदेश में भाजपा की नई सरकार के गठन के बाद से कानून और व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए पुलिस मुठभेड़ों की संख्या में काफी तेजी आई थी। मुठभेड़ों को लेकर योगी सरकार पर विपक्षी दल बराबर निशाना साध रहे हैं। आरोप है कि मुठभेड़ के नाम पर पुलिस बेगुनाहों को मार रही है।