सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक बीएस-4 वाहनों के पंजीकरण पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने मार्च में लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में वाहनों की बिक्री पर नाराजगी जाहिर की है।
इससे पहली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च के बाद वाहन पोर्टल पर बीएस-4 वाहनों को अपलोड करने से संबंधित जानकारी देने के लिए केंद्र सरकार को और वक्त दिया था। जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने वाहनों की बिक्री की इजाजत देने संबंधी याचिका पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा, हम ऐसे वाहनों को वापस लेने का आदेश क्यों पारित करें? कंपनियों को इसकी समयसीमा के बारे में पता था, तो उन्हें इसे वापस लेना चाहिए। पीठ ने सरकार को हलफनामा दायर करने के लिए और वक्त दे दिया।
नए आदेश के तहत बीएस-4 व्हीकल के रजिस्ट्रेशन पर रोक लग गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी ट्रांसपोर्ट अथॉरिटियों को निर्देश दिए हैं कि अगले आदेश तक बीएस-4 व्हीकल का रजिस्ट्रेशन ना करें।
जानें क्या है मामला
सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-4 वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन के लिए 31 मार्च 2020 की डेडलाइन तय की थी। इसी के बीच में 22 मार्च को जनता कर्फ्यू था, जबकि 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन लागू हो गया। इधर डीलरों के पास बड़ी संख्या में बीएस-4 टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर गाड़ियां बिक्री के लिए बची थीं। इसलिए डीलर बीएस-4 वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन की डेडलाइन बढ़ाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने डीलरों को 10 फीसदी बीएस-4 वाहनों को बेचने की परमिशन दी थी।
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ने 9 जुलाई को ही कहा था कि ऑटोमोबाइल डीलरों ने 31 मार्च के बाद भी बीएस-4 वाहन बेचे। धोखाधड़ी करके कोर्ट को बेवकूफ न बनाएं।
देश में 1 अप्रैल 2020 से बीएस-6 उत्सर्जन मानक लागू हो गए हैं। कोर्ट ने बीएस-6 लागू करने में डेडलाइन को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया था। बाद में कोर्ट ने लॉकडाउन में छूट के बाद सीमित समय में इनवेंट्री का दस फीसदी वाहन बेचने की इजाजत थी।