सुप्रीम कोर्ट ने यूपी की तीर्थनगरी गोवर्धन के ब्रज क्षेत्र में तीन पौराणिक कुंडों को ढहाने के नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर रोक लगा दी है।
मथुरा के गोवर्धन में ब्रज के पौराणिक तीन कुंडों को तोड़कर उनकी जगह गऊ घाट बनाने के एनजीटी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में ब्रज फाउंडेशन ने याचिका दायर कर चुनौती दी थी। एनजीटी ने 24 मई को तीन कुंडों को तोड़कर उनकी जगह गऊ घाट बनाने के आदेश जारी किया था। साथ ही कहा था कि यह तय किया कि यहां पक्षी विचरण कर सकें। जिन तीन पौराणिक कुंडों को तोड़कर गऊ घाट बनाने का आदेश दिया गया था उनमें संकर्षण कुंड, रुद्र कुंड और रणमोचन कुंड शामिल हैं।
शुक्रवार को अवकाशकालीन पीठ के जस्टिस एल. नागेश्वर राव और जस्टिस एम. एम. शांतानागौदर ने एनजीओ ब्रज फाउंडेशन की अपील स्वीकार करते हुए एनजीटी के कुंडों को तोड़ने संबंधी आदेश पर रोक लगा दी है। एनजीओ की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट ए.एम. सिंघवी ने कहा कि जनहित में जारी आदेश ‘जन-विरोधी आदेश’ नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि एनजीओ के खिलाफ सबसे गंभीर आरोप यह है कि तालाबों का जीर्णोद्धार कराने के दौरान तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया। एनजीटी के आदेश पर स्टे का अनुरोध करते हुए सिंघवी ने कहा कि सही काम करने का यह गलत तरीका है।