सुप्रीम कोर्ट पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के आरोपी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण और मामले की एसआइटी जांच की मांग करने वाली याचिका पर 23 फरवरी को सुनवाई करेगा। ये दोनों याचिकाएं सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दायर की गईं थी।
याचिकाकर्ता विनीत ढांडा की ओर से वकील जेपी ढांडा ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविल्कर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया और त्वरित सुनवाई का आग्रह किया। चीफ जस्टिस मिश्रा ने कहा कि पीठ इस याचिका की सुनवाई शुक्रवार (23 फरवरी) को करेगी। इस बीच जेपी ढांडा ने मांग की कि बैंक घोटाले में दोषी साबित होने वाले को आजीवन कारावास की सजा दी जाए।
Filed PIL over #PNBScam, want strict action against bank employees instrumental in siphoning of money, 3yr imprisonment for those responsible for scam be converted to life imprisonment & file of the one who takes loan to go to Finance ministry: JP Dhanda, Vineet Dhanda's lawyer pic.twitter.com/45MvXXBlp1
— ANI (@ANI) February 20, 2018
याचिकाकर्ता ने पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी के त्वरित प्रत्यर्पण कराने, पीएनबी के शीर्ष प्रबंधन की भूमिका की जांच कराने की मांग की गई है। पीएनबी मामले में यह दूसरी याचिका है।
पहली याचिका वकील एमएल शर्मा ने दायर की है। उन्होंने मामले की जांच विशेष जांच दल (एसआइटी) के कराने की भी मांग की है। शर्मा ने एसआइटी में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जजों को शामिल करने की मांग की है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि बैंकिंग घोटाले से आम लोगों और सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने मांग की है जांच राजनैतिक नेताओं या अधिकारियों द्वारा नियंत्रित एजेंसी से नहीं कराई जानी चाहिए। याचिका में कहा गया है कि बैंकों द्वारा कर्ज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा तय मानकों के विपरीत दिए गए।
विनीत ढांडा की ओर से दायर याचिका में यह मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट 10 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज देने के लिए वित्त मंत्रालय को दिशा निर्देश जारी करे जिससे सुरक्षा और वसूली तय हो।