Advertisement

ओमीक्रॉन के खतरे के बीच आज से दिल्ली में खुले स्कूल, कोरोना और प्रदूषण को लेकर ये गाइडलाइंस जरूरी

राजधानी दिल्ली में शनिवार से 6वीं से 12वीं तक के सभी स्कूल खुलने जा रहे हैं, जहां कमीशन फॉर एयर क्‍वालिटी...
ओमीक्रॉन के खतरे के बीच आज से दिल्ली में खुले स्कूल, कोरोना और प्रदूषण को लेकर ये गाइडलाइंस जरूरी

राजधानी दिल्ली में शनिवार से 6वीं से 12वीं तक के सभी स्कूल खुलने जा रहे हैं, जहां कमीशन फॉर एयर क्‍वालिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) ने आज से स्कूलों को तत्काल प्रभाव से खोलने की इजाजत मिलने के बाद दिल्ली सरकार ने स्कूल खोलने का फैसला किया है। इसके अलावा, 27 दिसंबर, 2021 से जूनियर क्‍लासेज़ के लिए ऑफलाइन कक्षाएं शुरू की जाएंगी। वहीं, राजधानी में प्रदूषण को देखते हुए 3 दिसंबर से अगले आदेश तक के लिए स्कूलों को बंद कर दिया गया था। हालांकि इससे पहले सभी कक्षाओं के लिए 29 नवंबर से स्कूलों को खोलने की अनुमति दी गई थी,लेकिन प्रदूषण और कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन के डर की वजह से अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से झिझक रहे थे।

दरअसल, दिल्ली शिक्षा निदेशालय की ओर से बीते शुक्रवार शाम एक आदेश जारी कर स्कूल खोलने की अनुमति दी गई है। वहीं, इस आदेश में कहा गया है कि एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (एक्यूआई) की मंजूरी के बाद 6वीं से 12वीं तक के सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, प्राइवेट स्कूल, एनडीएमसी, एमसीडी व दिल्ली छावनी बोर्ड के स्कूल 18 दिसंबर से खोले जा रहे हैं। इस दौरान सभी स्कूल प्रमुखों को निर्देश दिया है कि वह स्कूल दोबारा खोले जाने की जानकारी को सभी अभिभावकों, छात्रों, कर्मचारियों और सदस्यों तक जरुर पहुंचाएं।

बता दें कि बीते 2 दिसंबर को वायु प्रदूषण को लेकर हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली सरकार ने अगले आदेश तक स्कूलों को बंद करने का ऐलान कर दिया था। वहीं, दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करने के साथ स्कूलों को खोलने पर सवाल उठाए थे। जिसके बाद दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के कुछ देर बाद ही स्कूलों को अगले आदेश तक बंद करने का ऐलान कर दिया था, वो आदेश अभी तक जारी था।

गौरतलब है कि राजधानी में दिवाली के बाद से तेजी से बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने स्कूल बंद करने का फैसला किया था। फिलहाल पिछले कुछ दिनों से प्रदूषण में तो कमी आई थी लेकिन कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन के बढ़ते मामले टेंशन दे रहे थे। वहीं, कमीशन को तर्क दिया गया था कि बच्चे कोरोना महामारी के कारण 2 सालों से स्कूल नहीं जा पा रहे है, जिसके कारण उनमें कुंठा उत्पन्न हो रही है। इससे पढ़ाई पर भी बुरा असर पढ़ रहा है। इसके साथ ही कई बच्चे ऑनलाइन क्लास नहीं ले पा रहे हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad