पिछले दिनों हुए दिल्ली हिंसा के मद्देनजर पूर्वोत्तर दिल्ली के सभी स्कूलों को 7 मार्च तक बंद रखने के आदेश दिए गए है। शिक्षा अधिकारी के मुताबिक हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में आयोजित वार्षिक परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई हैं। इससे पहले सीबीएसई ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में 28 और 29 फरवरी को होने वाली बोर्ड परीक्षाओं को भी स्थगित कर दी थी।
वहीं, हिंसा मामले में अब तक 630 लोग पुलिस की गिरफ्त में है। इन सभी लोगों को या तो गिरफ्तार किया गया है या हिरासत में लिया गया है। वहीं, इस मामले में अब तक 123 मामले दर्ज किए गए है। दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) एमएस रंधावा ने शुक्रवार को बताया कि इसमें आगजनी को लेकर अब तक 25 एफआईआर हुए है।
बता दें, दिल्ली के नॉर्थ-ईस्ट इलाकों में बीते मंगलवार को भड़की हिंसा में पुलिस हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल और इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी अंकित शर्मा सहित 42 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 200 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हैं।
एसआईटी कर रही है जांच
इससे पहले दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने गुरुवार को स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) का गठन कर मामले में सभी दर्ज एफआईआर एसआईटी को सौंप दिए है। जांच के लिए गठित दो एसआईटी टीमों का नेतृत्व डीसीपी जॉय तिर्की और राजेश देव कर रहे हैं। गठित जांच टीम ने नॉर्थ ईस्ट दिल्ली हिंसा से जुड़े मामलों की जांच शुरु कर दी है। वहीं, इन दोनों जांच टीमों की निगरानी एडिशनल सीपी बीके सिंह के जिम्मे सौंपा गया है। इस मामले में गुरुवार तक पुलिस ने 48 एफआईआर दर्ज किए गए थे जबकि 106 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।
इन इलाकों में हुई हिंसा
दरअसल, सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (सीएए) के विरोध और समर्थक में निकले प्रदर्शन में दिल्ली के नॉर्थ-ईस्ट ईलाकों में दो समूहों के बीच हुई हिंसा में करीब 42 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 200 से अधिक लोग घायल है। मंगलवार को हुए दंगे में उन्मादी भीड़ ने घरों, दुकानों, वाहनों, पेट्रोल पंप को आग के हवाले कर दिया। इस हिंसा ने मुख्य रूप से दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, यमुना विहार, भजनपुरा, चांद बाग और शिव विहार को अपने चपेट में ले लिया।
उपराज्यपाल ने दिए आदेश
इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने नियुक्त विशेष पुलिस आयुक्त सुंदरी नंदा को दिल्ली हिंसा पीड़ितों के परिवारों से मिलने और उन्हें हर संभव सहायता सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही उपराज्यपाल बैजल ने पूर्वोत्तर दिल्ली में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर एक बैठक की। उन्होंने पुलिस को बलों की पर्याप्त तैनाती, गश्त, किसी भी स्थिति में तेजी से परिस्थिति से निपटने और तुरंत एफआईआर दर्ज व शीघ्र जांच करने का निर्देश दिया थे।