सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के सीलिंग मामले में अब यह तय करेगा कि सीलिंग और अवैध निर्माण के लिए 2006 में लाया गया स्पेशल प्रोविशन एक्ट वैध है या नहीं और इसमें 2006 से 2017 के बीच लाए गए संशोधन कितने वैध हैं?
सुप्रीम कोर्ट ने एमिकस क्यूरी रंजीत कुमार को कहा है कि सीलिंग और अवैध निर्माण के लिए 2006 में लाए गए स्पेशल प्रोविशन एक्ट और उसमें 2006 से 2017 के बीच लाए गए संशोधनों को कोर्ट के समक्ष पेश करें। कोर्ट 2 अप्रैल से एक सप्ताह तक रोजाना इस मामले की सुनवाई करेगा। कोर्ट का कहना है कि अर्जियों पर सुनवाई करने से पहले मुख्य मामले पर सुनवाई कर निपटारा किया जाएगा।
Sealing in Delhi matter: Supreme Court to hold final hearing on April 2. The proceedings will continue for one week.
— ANI (@ANI) February 15, 2018
बता दें कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और डीडीए को कहा कि चार दिनों में बताए कि मास्टर प्लान में बदलाव करने से पर्यावरण पर प्रभाव को लेकर उन्होंने क्या स्टडी की है। कोर्ट ने विधायक ओपी शर्मा और निगम पार्षद गुंजन गुप्ता को कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी किया था । यह नोटिस मॉनिटरिंग कमिटी द्वारा सुप्रीम कोर्ट को की गई उस शिकायत के बाद जारी किया गया था जब कमेटी ने कहा था कि शाहदरा में हुए अवैध निर्माण पर कारवाई करने के दौरान दोनों जनप्रतिनिधियों ने व्यवधान पैदा किया था।