मार्च के पहले पखवाड़े में तबलीगी जमात के देश और विदेशों से आए करीब तीन हजार लोगों ने दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में हिस्सा लिया था लेकिन अब यह लोग अपने-अपने घरों को लौट चुके हैं। इन जमातियों को तलाशना राज्य सरकारों के लिए बड़ा सिरदर्द बन चुका है। अब राज्यों की सरकारें अपने यहां मस्जिदों में इनकी तलाश में जुट गई हैं। इस बीच मौलाना साद खांडलवी की तलाश में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने बुधवार को राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई स्थानों पर छापेमारी की।
वहीं दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज को खाली करवा दिया गया है। जमात में शामिल दस की कोरोना से मौत हो चुकी हैं जिसमें सात तेलंगाना के हैं। बुधवार को गृहमंत्राललय ने बताया कि दिल्ली में लगभग 2,000 तबलीगी जमात सदस्यों में में से 1,804 को क्वारेंटाइन किया गया और 334 अस्पतालों में भर्ती हुए। अब तक तबलीगी जमात और उनके संपर्क में आए 9000 लोगों को क्वारेंटाइन किया गया है। तबलीगी जमात के करीब 400 लोगों में कोरोना पॉजिटिव के मामले मिले।
यूपी कर चुका है 95 फीसदी ट्रेस
तमिलनाडु में 77 लोग संक्रमित पाए गए हैं। करीब 15 सौ लोग दिल्ली गए थे। आंध्रप्रदेश ने 463 को क्वारेंटाइन किया है जबकि 603 की तलाश की जा रही है। असम 299 की तलाश कर रहा है। यूपी के 157 लोगों में से 95 फीसदी लोग ट्रेस हो चुके हैं। बिहार के 84 संदिग्धों में 37 को ढूंढ लिया गया है। मध्यप्रदेश में 107 लोग शामिल हुए थे जिनकी तलाश की जा रही है।
संक्रमण का कनेक्शन दिल्ली समेत 22 राज्यों से जुड़ रहा है। इनमें मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, असम, उत्तरप्रदेश, तेलंगाना, पुडुचेरी, कर्नाटक, अंडमान निकोबार, आंध्रप्रदेश, श्रीनगर, दिल्ली, ओडिशा, प.बंगाल, हिमाचल, राजस्थान, गुजरात, मेघालय, मणिपुर, बिहार, छत्तीसगढ़ और केरल शामिल है। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को इन्हें ढूंढकर तुरंत देश से बाहर निकालने का आदेश दिया है।
पांच ट्रेनों की खंगाली जा रही है ट्रैवल हिस्टी
तबलीगी समाज के लोगों ने देश के अलग-अलग हिस्सों में ट्रैवल किया था। ये सभी ट्रेनें 13 से 19 मार्च के बीच दिल्ली से रवाना हुई थीं। इनमें आंध्र प्रदेश को जाने वाली दुरंतो एक्सप्रेस,चेन्नई तक जाने वाली ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस,चेन्नई को ही जाने वाली तमिलनाडु एक्सप्रेस,नई दिल्ली-रांची राजधानी एक्सप्रेस और एपी संपर्क क्रांति एक्सप्रेस शामिल हैं। हालांकि, रेलवे के पास जमातियों के संपर्क में आए लोगों की वास्तविक संख्या नहीं हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि प्रत्येक ट्रेन में करीब 1000-1200 यात्री और रेलवे कर्मचारी होते हैं, इन सभी को खतरा हो सकता है।