शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश उप चुनाव हुई करारी हाल के लिए मखौल उड़ाया। उत्तर प्रदेश में हाल ही में उप चुनाव हुए थे जिनमें भाजपा की करारी हार हुई है। यहां तक कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन जाने के बाद योगी आदित्यनाथ गोरखपुर सीट बचाने में भी नाकामयाब रहे।
शिवसेना ने सामना में लिखा कि उप चुनाव के ये नतीजे भाजपा के लिए खतरे की घंटी हैं। यह पार्टी की 2019 की हार के स्पष्ट संकेत हैं। उत्तर प्रदेश के परिणामों ने भाजपा को चिंता में डाल दिया है। संपादकीय में अन्य उप चुनाव के परिणामों पर भी हमला बोला गया है। सामना ने लिखा है कि जब से भाजपा सत्ता में आई है वह देश में हुए दस में से नौ उपचुनाव हार गई है।
इससे पहले संपादकीय में ही देशभर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता पर भी सवाल खड़े किए गए हैं जिसने 2014 में भाजपा को लोकसभा में बहुमत दिलाया था। लेकिन अब देश के लोगों का मिजाज बदल रहा है और उप चुनाव की हार बताती है कि मतदाता ने अपना व्यवहार बदल लिया है।
शिवसेना ने प्रधानमंत्री को सलाह दी है कि वह आगे का चुनाव थोड़े बहुत अंतर से जीतना चाहते हैं तो उन्हें लोगों के दुख-परेशानी का ध्यान रखना होगा। क्योंकि भले ही प्रधान मंत्री की लोकप्रियता किसी वक्त में बहुत ज्यादा रही हो लेकिन उप चुनावों की हार का यह ग्राफ बता रहा है कि 2019 में भाजपा की सीटों में जबरदस्त कमी आने वाली है।
सामना संपादकीय ने मोदी की विदेश यात्रा पर भी गहरी चोट की है। सामना ने लिखा है कि भाजपा को भारत में चुनाव लड़ना है, रूस, कैनेडा, फ्रांस, अमेरिका और इजराइल में नहीं। इसलिए जरूरी है कि पार्टी यहां की जनता की परेशानियों पर ध्यान दे।