मुंबई हाई कोर्ट की ओर से सीबीआई जांच के आदेश के खिलाफ गुहार लगाने वाले अनिल देशमुख की याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से इनकार कर दिया। सीबीआई की तरफ से की जा रही प्राथमिक जांच जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हर मामला शीर्ष अदालत में नहीं लाया जा सकता। ऐसा करने से एक ढह रही प्रणाली पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगी।
कोर्ट ने कहा कि आरोपों की प्रकृति और आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, इसे एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा जांच की आवश्यकता है। यह जनता के विश्वास की बात है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा- "यह 2 बड़े पद पर बैठे लोगों से जुड़ा मामला है. लोगों का भरोसा बना रहे, इसलिए निष्पक्ष जांच ज़रूरी है. हम हाईकोर्ट के आदेश में दखल नहीं देंगे।" जस्टिस संजय किशन कौल व जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ के समक्ष बुधवार को करीब ऐसे 11 केस थे, जिनके बारे में पीठ की राय थी कि इन मामलों में दखल देने का कोई कारण नहीं बनता।
मामले पर सुनवाई के समय अनिल देशमुख की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल पेश हुए जबकि, परमबीर सिंह के लिए मुकुल रोहतगी और महाराष्ट्र सरकार का पक्ष रखने के लिए अभिषेक मनु सिंघवी और जयश्री पाटिल के लिए साल्वे आए> इस दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अनिल देशमुख की बातों को सुना जाना चाहिए था।