जम्मू-कश्मीर सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में बताया कि कि शोपियां फायरिंग मामले में मेजर आदित्य कुमार का नाम प्राथमिकी में बतौर आरोपी दर्ज नहीं किया गया है। शोपियां में फायरिंग की घटना 27 जनवरी को हुई थी जिसमें तीन नागरिकों की मौत हो गई थी।
Shopian firing incident case: Jammu and Kashmir government apprised the Supreme Court that Major Aditya Kumar's name is not there in the accused column.
— ANI (@ANI) 5 मार्च 2018
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के बयान के बाद 24 अप्रैल मामले की जांच पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा जस्टिस एएम खालविल्कर और डीवाइ चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने मामले की अंतिम सुनवाई की तारीख 24 अप्रैल तय की है।
सुप्रीम कोर्ट मेजर आदित्य कुमार के पिता लेफ्टिनेंट कर्नल करमवीर सिंह की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने अपने बेटे पर दर्ज प्राथमिकी को खारिज किए जाने की मांग की थी। लेफ्टिनेंट कर्नल सिंह ने आज कहा कि फैसला कोर्ट को करना है, इस कारण वे इस पर कुछ नहीं बोलेंगे।
Decision would be taken by the Court, I can't speak or comment on it: Lt Col Karamveer Singh, seeking quashing of the FIR registered against his son Major Aditya Kumar in the Shopian firing incident case. pic.twitter.com/YtZ5THEDU2
— ANI (@ANI) 5 मार्च 2018
इससे पहले इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मेजर आदित्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने पर रोक लगा दी थी। 12 फरवरी को मामले की सुनवाई करते हुए सेना पर एफआइआर के मामले में शीर्ष न्यायालय ने केंद्र और जम्मू कश्मीर सरकार को नोटिस जारी किया था। राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए कोर्ट ने दो सप्ताह के भीतर जवाब तलब करने के लिए कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने मेजर आदित्य के पिता की याचिका पर सुनावाई के दौरान साफ निर्देश दिए कि सेना के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.
गौरतलब है कि शोपियां के गनोवपोरा गांव में 27 जनवरी को पत्थरबाजी करती भीड़ पर सेना की फायरिंग में तीन लोगों की मौत हो गई थी। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस घटना की जांच के आदेश दिए थे। इस घटना में 10 गढ़वाल राइफल्स के जवानों पर रनवीर पैनल कोड (जम्मू-कश्मीर में यही पैनल कोड लागू है ) की धारा 302 (हत्या) और धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
लेफ्टिनेंट कर्नल करमवीर सिंह ने कहा था कि 10 गढ़वाल राइफल्स में मेजर उनके बेटे को प्राथमिकी में ‘गलत और मनमाने ढंग से’ नामजद किया गया है क्योंकि यह घटना अफस्पा वाले एक क्षेत्र में सैन्य ड्यूटी पर जा रहे सैन्य काफिले से जुड़़ी है। इस सैन्य काफिले को घेर कर अनियंत्रित भीड़ ने उस पर पथराव किया जिससे कई सैन्य वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे।
आज की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि मेजर आदित्य का नाम प्राथमिकी में दर्ज आरोपियों में नहीं है।