शाहजहांपुर के यौन शोषण मामले में एसआईटी ने अब कड़ियों को जोड़ना शुरू कर दिया है। तमाम इलेक्ट्रानिक सबूतों की पड़ताल के लिए शुक्रवार को एसआईटी ने जिला अदालत में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद, पीड़ित छात्रा और उसके तीन दोस्तों के रिमांड के लिए अर्जी दाखिल की। दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। एसआईटी ने यह रिमांड वायरल हुए वीडियो की आवाज से मिलान कराने के लिए मांगा है।
कानून की छात्रा के यौन उत्पीड़न और स्वामी चिन्मयानंद से रंगदारी मामले के आरोपों की जांच एसआईटी कर रही है। स्वामी चिन्मयानन्द का मालिश कराते हुए और पांच करोड़ की रंगदारी मांगने का छात्रा और उसके दोस्तों का वीडियो वायरल हुआ था। स्वामी चिन्मयानन्द और लॉ छात्रा ने वीडियो को फर्जी बताया था। एसआईटी को पीड़िता ने सबूत के तौर पर एक पेन ड्राइव दी थी। साथ ही पीड़िता ने कहा था कि हॉस्टल के कमरे में चश्मे और अन्य सबूत रखे हैं, लेकिन जब पीड़िता के हॉस्टल के कमरे में चश्मे और अन्य सबूतों की तलाश की गई तो वह नहीं मिले। एसआईटी अब तक इन सबूतों को तलाश नहीं पाई है।
आवाज का कराया जाएगा मिलान
एसआईटी के पास मामले से जुड़े कुछ वीडियो फुटेज और कुछ ऑडियो रिकॉर्डिंग भी है। एसआईटी अब इलेक्ट्रानिक सबूतों की पड़ताल कर रही है और वह स्वामी चिन्मयानंद और पीड़िता का वायस सैंपल कराना चाहती है। पांच करोड़ की रंगदारी मांगने वाले मामले में जेल में बंद छात्रा के तीन दोस्तों के भी आवाज के नमूने लिए जाएंगे। इसके लिए एसआईटी ने जिला जज की कोर्ट में स्वामी चिन्मयानंद और पीड़िता का रिमांड मांगा, जिस पर दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं ने बहस की।
स्वामी चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम ने ‘आउटलुक’ को बताया कि एसआईटी ने वायस सैंपल लेने के लिए रिमांड मांगी थी, जिस पर दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रख लिया है। कल निर्णय आने की संभावना है।
एसआईटी ने की मैपिंग
एसआइटी गुरुवार को टीम मुमुक्षु आश्रम पहुंची और लॉ कॉलेज, दिव्यधाम में पड़ताल की। टीम के सदस्य पहले लॉ कॉलेज गए। वहां कुछ देर रुकने के बाद उस कंप्यूटर लैब और लाइब्रेरी का मुआयना किया, जहां छात्रा काम करती थी। उसके बाद टीम हॉस्टल पहुंची। वहां पर लॉ कॉलेज से लेकर हॉस्टल और हॉस्टल से लेकर चिन्मयानंद के आवास दिव्यधाम तक की मैपिंग की।