जम्मू कश्मीर मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह मानव ढाल बनाए गए फारूक अहमद डार को 10 लाख रुपये का मुआवजा दे।
जम्मू-कश्मीर में एक कश्मीरी नागरिक को सेना द्वारा मानव ढाल बनाए जाने पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। राज्य मानवाधिकार आयोग ने जम्मू कश्मीर की भाजपा-पीडीपी सरकार से कहा है कि जीप से बांधे गए फारुक अहमद डार को हर्जाने के रूप में 10 लाख रुपये दे।
गौरतलब है कि फारुक अहमद डार को सेना की जीप के बोनट से बांधकर पत्थरबाजों को नियंत्रित करने की घटना 9 अप्रैल, 2017 की बताई जा रही है। इस दिन श्रीनगर लोकसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा था। बताया गया है कि उग्र भीड़ी की तरफ से सुरक्षा कर्मियों पर पत्थर फेंके जा रहे थे। भीड़ से सुरक्षाबलों को बचाने के लिए मेजर गोगोई ने प्रदर्शनकारियों में शामिल कश्मीरी युवक को जीप की बोनट से बांध कर घुमाया था। गौरतलब है कि 53 राष्ट्रीय राइफल के मेजर लीतुल गोगोई बडगाम में सुरक्षा बलों के इस काफिले का नेतृत्व कर रहे थे।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। वीडियो वायरल होने के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। सेना ने मेजर और सुरक्षा बलों के अन्य अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट ऑफ इंक्वॉयरी बैठाई थी। कोर्ट ऑफ इंक्वॉयरी ने जांच के बाद मेजर के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई न करने की सिफारिश की थी। ध्यान रहे सेना व सरकार ने मेजर गोगोई का समर्थन और सम्मान किया था, जिसने कश्मीरी युवक को जीप से बांधकर घुमाया था।
State Human Rights Commission J&K directs State Govt to provide 10 lakh as "compensation” to civilian allegedly used as human shield by army
— ANI (@ANI_news) July 10, 2017