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श्रीनगरः पत्थरबाजों ने स्कूल बस को बनाया निशाना, महबूबा मुफ्ती ने कहा- कायराना हरकत

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों द्वारा हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर समीर टाइगर के मारे जाने के बाद...
श्रीनगरः पत्थरबाजों ने स्कूल बस को बनाया निशाना, महबूबा मुफ्ती ने कहा- कायराना हरकत

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों द्वारा हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर समीर टाइगर के मारे जाने के बाद तनावपूर्ण स्थिति बनी है। आज यहां श्रीनगर के पास कनीपोरा में पत्थरबाजों ने एक निजी स्कूल बस को निशाना। इस घटना में एक स्कूली छात्र घायल हो गया।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि असामाजिक तत्वों के एक समूह ने शोपियां जिले के जावूरा में रैनबो हाई स्कूल की बस पर पथराव कर दिया था। हमले में दूसरी कक्षा के एक छात्र के सिर में चोट लग गई। उन्होंने बताया कि घायल छात्र को एसकेआईएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले की निंदा की

''स्कूली बच्चों या पर्यटकों की बसों पर पथराव से कैसे इन पत्थरबाजों के एजेंडे को बढ़ाने में मदद मिलती है ? इन हमलों की एकजुट होकर निंदा करनी चाहिए और मेरा यह ट्वीट इसका हिस्सा है।

पत्थरबाजी में घायल हुए एक छात्र के पिता ने बताया, 'मेरा बेटा पत्थरबाजी में जख्मी हो गया, यह इंसानियत के खिलाफ है। यह किसी भी मासूम के साथ हो सकता है।'


सीएम महबूबा ने की आलोचना

राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस घटना पर आश्चर्य जताया है। उन्होंने लिखा, 'शोपियां में बच्चों की स्कूल बस पर हमले की खबर सुनकर आश्चर्य हो रहा है और गुस्सा भी आ रहा है। इस कायरतापूर्ण और असंवेदनशील घटना में न्याय किया जाएगा।'

डीजीपी ने बताया पागलपन

जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक एसपी वैद्य ने इस मामले पर ट्वीट किया, 'उपद्रवियों ने रेनबो स्कूल शोपियां की बस पर पत्थर फेंके, जिसमें दूसरी कक्षा के बच्चे रेहान को चोट लगी है। रेहान को इलाज के लिए भेजा गया है। यह पागलपन है कि पत्थरबाज अब बच्चों को निशाना बना रहे हैं। इन अपराधियों को कानून का सामना करना पड़ेगा।'

घटना के बाद शोपियां के एसएसपी शैलेद्र कुमार ने बताया कि उपद्रवियों ने स्कूल बस पर पत्थरबाजी की है, जिसमें एक छात्र घायल है। पत्थरबाज को तलाशा जा रहा है, उम्मीद है कि उसे जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

अलगाववादियों ने बुलाया था बंद

इससे पहले पुलवामा के एक नागरिक के मौत के विरोध में अलगाववादी संगठनों ने बंद का आह्वान किया था। बंद को देखते हुए रेल, इंटरनेट और दुकानें और परिवहन सेवाएं बंद कर दी गईं थीं। यह बंद सैयद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और मुहम्मद यासीन मलिक के नेतृत्व वाले अलगाववादी संगठन जॉइंट रेसिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) की ओर से बुलाया गया था।

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