केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने आज संसद में आम बजट 2018-19 पेश करते हुए कहा कि सरकार विनिर्माण सेवाओं और निर्यातों के क्षेत्र में आठ प्रतिशत से अधिक की आर्थिक विकास दर प्राप्त करने के प्रति वचनबद्ध है।
उन्होंने कहा कि 2017-18 की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की 6.3 प्रतिशत की वृद्धि दर ने अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव आने के संकेत दिए थे। वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में सकल घरेलू उत्पाद में 7.2 प्रतिशत से 7.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि होने की आशा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था ने बुनियादी सुधारों के साथ उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने हाल की अपनी रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि आगामी वर्ष के दौरान भारत की विकास दर 7.4 प्रतिशत होगी। उन्होंने कहा कि देश आठ प्रतिशत से अधिक की उच्च विकास दर को प्राप्त करने के पथ पर मजबूती से आगे बढ़ रहा है। विनिर्माण क्षेत्र में भी विकास तीव्रता के साथ आगे बढ़ते हुए आठ प्रतिशत से अधिक की उच्च दर से वृद्धि कर रहा है। वर्ष 2017-18 में निर्यात में 15 प्रतिशत की दर से वृद्धि होने का अनुमान है।
जेटली ने कहा कि चार वर्ष पूर्व सरकार ने भारत के लोगों को एक ईमानदार, स्वच्छ और पारदर्शी सरकार देने का वचन दिया था और एक ऐसे नेतृत्व का वादा किया था जो कठिन निर्णयों को कम करने में और भारत की अर्थव्यवस्था में विश्वास को बहाल करने में सक्षम हो। जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने अनेक बुनियादी संरचनात्मक सुधारों को न सिर्फ कार्यान्वित किया बल्कि देश में गरीबी को कम करने, आधारभूत सुविधाओं के सृजन में गति लाने और एक मजबूत आत्मविश्वास से परिपूर्ण न्यू इंडिया देने का वादा किया।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने देश के किसानों, गरीब वर्ग के लोगों और समाज के अन्य तबकों के संरचनात्मक बदलाव एवं अर्थव्यवस्था की उच्च विकास दर के लाभ को उन तक पहुंचाने तथा देश के अल्प विकसित क्षेत्रों के उत्थान के लिए अनेक कार्यक्रमों का शुभारंभ किया है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के बजट में विशेषकर कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने, आर्थिक दृष्टि से कम सुविधा प्राप्त वर्ग के लोगों को उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने, वरिष्ठ नागरिकों के हितों की रक्षा करने, आधारभूत सुविधाओं के सृजन तथा देश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए राज्यों के साथ मिलकर कार्य करने पर विशेष रूप से जोर दिया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने वैध्ा लाभार्थियों तक सीधे लाभ पहुंचाने को भी सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा कि भारत का प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण तंत्र विश्व का एक सबसे बड़ा संचालन तंत्र और वैश्विक स्तर पर सफलता की एक गाथा भी है।
कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था
वित्त मंत्री ने 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने की सरकार की वचनबद्धता का उल्लेख करते हुए अनेक नई योजनाओं और उपायों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार ने आगामी खरीफ से सभी अघोषित फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य उत्पादन लागत से कम से कम डेढ़ गुणा करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि रबी की अधिकांश घोषित फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत से डेढ़ गुणा तय किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए संस्थागत ऋण की राशि में वर्ष दर वर्ष निरंतर वृद्धि की है और यह राशि वर्ष 2014-15 के 8.5 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर वर्ष 2017-18 में 10 लाख करोड़ रुपये कर दी गई। वित्त मंत्री ने वर्ष 2018-19 में इस राशि को 11 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव दिया।
जेटली ने डेयरी उद्योग की आधारभूत सुविधाओं में वित्त निवेश में सहायता के लिए सूक्ष्म सिंचाई कोष स्थापित करने की घोषणा की। वित्त मंत्री ने मत्स्य क्रांति अवसंरचना विकास कोष तथा पशुपालन के लिए आधारभूत सुविधा विकास कोष स्थापित करने की भ्ाी घोषणा की। इन दोनों कोषों की कुल स्थाई निधि 10 हजार करोड़़ रुपये होगी।
जेटली ने कहा कि ऑपरेशन फ्लड की तर्ज पर ऑपरेशन ग्रीन्स प्रारंभ करने का सरकार का प्रस्ताव है। इसके प्रयोजनार्थ 500 करोड़ रुपए की राशि आबंटित की गई। उन्होंने कहा कि 86 प्रतिशत से ज्यादा लघु और सीमांत किसानों को सीधे बाजार से जोड़ने के लिए मौजूदा 22 हजार ग्रामीण हाटों को ग्रामीण कृषि बाजारों के रूप में विकसित तथा उन्नत किया जाएगा। जेटली ने कहा कि 22 हजार ग्रामीण कृषि बाजारों तथा 585 एपीएमसी में कृषि विपणन अवसंरचना के विकास के लिए दो हजार करोड़ रुपये की स्थाई निधि से एक कृषि बाजार अवसंरचना कोष की स्थापना की जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष ई-नैम को सुदृढ करने और इसे 585 एपीएमसी तक पहुंचाने के संबंध में घोषणा की गई थी। इनमें से 470 को ई-नैम नेटवर्क से जोर दिया गया है शेष को 2018 तक जोड़ दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने संगठित कृषि एवं संबद्ध उद्योग को सहायता के प्रयोजनार्थ 200 करोड़ रुपए की राशि आबंटित करने का प्रस्ताव दिया।
वित्त मंत्री ने कहा कि बांस हरित सोना है। उन्होंने इस क्षेत्र को संपूर्ण रूप से बढ़ावा देने के लिए 1290 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ एक पुनर्गठित राष्ट्रीय बांस मिशन को शुरू करने का प्रस्ताव दिया।
वित्त मंत्री ने कृषि उत्पादों के निर्यात की संभावना को देखते हुए 42 मेगाफूड पार्कों में अत्याधुनिक परीक्षण सुविधाएं स्थापित करने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए सरकारों के प्रयासों को सहायता देने की एक विशेष योजना की भी घोषणा की।
वित्त मंत्री ने महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों के ऋण को पिछले वर्ष के मुकाबले 37 प्रतिशत बढ़ाकर वर्ष 2016-17 में लगभग 42,500 करोड़ रुपए किया था। 2019 तक यह ऋण राशि बढ़ाकर 75 हजार करोड़ रुपए कर दी जाएगी। 2018-19 राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका कार्यक्रम के लिए 5750 करोड़ रुपए का प्रस्ताव दिया गया।
निम्न और मध्यम वर्ग के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि उज्जवला योजना के अंतर्गत आठ करोड़ गरीब महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन दिए जाएंगे। सोभाग्य योजना के अंतर्गत 16 हजार करोड़ रुपए के परिव्यय से 4 करोड़ गरीब परिवारों को बिजली के कनेक्शन प्रदान किये जा रहे है। 2022 तक सभी को आवास का लक्ष्य पूरा करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 2019 तक एक करोड़ से ज्यादा आवासों का निर्माण किया जाएगा इसके अलावा स्वच्छ भारत अभियान के तहत छह करोड़ शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है।
शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा
वित्त मंत्री ने कहा कि 2018-19 के लिए स्वास्थ्य शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा पर बजटीय व्ययों का अनुमान 2017-18 के 1.22 लाख करोड़ रुपए की तुलना में 1.38 लाख करोड़़ रुपए है।
शिक्षा के क्षेत्र में वर्ष 2022 तक खेल और कौशल विकास में प्रशिक्षण प्रदान करने के अलावा 50 प्रतिशत से ज्यादा की अनुसूचित जनजाति आबादी वाले प्रत्येक ब्लॉक में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की स्थापना की घोषणा की।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार सामाजिक-आर्थिक जातीय जनगणना के अनुसार वृद्धों, विधवाओं, बेसहारा बच्चों, दिव्यांगजनों और वंचित लोगों के प्रत्येक परिवार तक पहुंचने के लिए एक व्यापक सामाजिक सुरक्षा तथा संरक्षण कार्यक्रम कार्यांवित कर रही है। राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के लिए वर्ष 2018-19 में 9975 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। वर्ष 2022 तक शिक्षा में आधारभूत सुविधाओं और प्रणालियों को पुन: मजबूत बनाने के लिए अगले चार वर्षों में एक लाख करोड़ रुपए के निवेश का प्रावधान किया गया है।
प्रधानमंत्री अनुसंधान अध्येता पहल के तहत श्रेष्ठ संस्थानों से हर वर्ष एक हजार उत्कृष्ट बीटैक छात्रों की पहचान की जाएगी और उन्हें आईआईटी, आईआईएससी में पीएचडी करने के लिए सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
वित्त मंत्री ने 10 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवारों को दायरे में लाने के लिए एक फ्लैगशिप राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना को प्रारंभ करने की घोषणा की जिसके तहत द्वितीयक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्रति परिवार पांच लाख रुपए प्रतिवर्ष कवरेज प्रदान की जाएगी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 की परिकल्पना के अनुसार 1.5 लाख केंद्र स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को घर तक पहुचाएंगे। इस कार्यक्रम के लिए 1200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
गंगा स्वच्छता के मामले में नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत 16,713 करोड़ रुपए की लागत से कुल 187 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। इनमें से 47 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और 4465 ग्रामों को खुले मे शौच से मुक्त घोषित कर दिया है।
मध्यम लघु तथा सूक्ष्म उद्यम् एवं रोजगार
मध्यम लघु तथा सूक्ष्म उद्यम एवं रोजगार को बढ़ावा देने के लिए बजट में 3794 करोड़ रुपए प्रदान किए गए हैं। अप्रैल 2015 में मुद्रा योजना का शुभारंभ किया गया। जिसके तहत 10.38 करोड़ रुपए के मुद्रा लोन दिए गए। इनमें से 76 प्रतिशत ऋण खाते महिलाओं के जबकि 50 प्रतिशत से ज्यादा अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग के हैं। 2018-19 के लिए मुद्रा के अंतर्गत तीन लाख करोड़ रुपए के ऋण का लक्ष्य रखा गया है।
रोजगार सृजन
रोजगार सृजन की प्राथमिकता सरकार की नीतियों में प्रमुख रूप से शामिल हैं वित्त मंत्री ने एक स्वतंत्र अध्ययन का उल्लेख करते हुए कहा कि इस वर्ष 70 लाख औपचारिक रोजगारों का सृजन किया जाएगा। पिछले तीन वर्षों के दौरान रोजगार सृजन की दिशा में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री ने घोषणा की कि सरकार अगले तीन वर्षों में सभी क्षेत्रों के लिए ईपीएफ में नए कर्मचारियों के वेतन का 12 प्रतिशत का योगदान करेगी। 2018-19 में टैक्सटाइल क्षेत्र में 7148 करोड़ रुपए परिव्यय का प्रस्ताव है।
बुनियादी ढांचा और वितीय क्षेत्र विकास
वित्त मंत्री ने बुनियादी ढांच के विकास को अर्थव्यवथा का प्रमुख आधार बताते हुए अनुमान लगाया कि सकल घरेलू उत्पाद में वद्धि और समूचे देश को एक नेटवर्क में जोड़़ने के लिए 50 लाख करोड़ रुपए की आवश्यकता है। उन्होंने 2018-19 में बुनियादी ढांचे पर 5.97 लाख करोड़ रुपए के आबंटन का प्रस्ताव दिया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने नियमित तौर पर प्रगति के माध्यम से बुनियादी क्षेत्र में उपलब्धियों की समीक्षा की है और इसके तहत 9.46 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाएं शुरू की जा चुकी हैं।
भारतमाला परियोजना के अंतर्गत करीब 35 हजार किलोमीटर सड़क के निर्माण को चरण एक में अनुमति दी जा चुकी है और इसकी अनुमानित लागत 5,35,000 करोड़ रुपए है।
रेलवे
साल 2018-19 के लिए रेलवे का पूंजीगत व्यय 1,48,528 करोड़ रुपए रहा है। 2017-18 के दौरान चार हजार किलोमीटर का विद्युत रेलवे नेटवर्क प्रारंभ हो चुका है। मुंबई का स्थानीय रेल नेटवर्क 11 हजार करोड़ रुपए की लागत से दोहरी लाइनों के साथ 90 किलोमीटर होगा। इसके अलावा 40 हजार करोड़ रुपए की लागत से एक अतिरिक्त 150 किलोमीटर का उप शहरी नेटवर्क योजानवित किया जा रहा है।
हवाई परिवहन
एक नवीन पहल नाभ निर्माण के अंतर्गत प्रतिवर्ष एक बिलियन आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए हवाई अड्डा क्षमता में पांच गुणा विस्तार करने का प्रस्ताव बजट में दिया गया है। इसके अलावा सरकार ने पिछले वर्ष प्रारंभ की गई उड़ान नामक क्षेत्रीय योजनाओं के अंतर्गत 56 हवाई अड्डों और 31 हैलीपैडों को पुन: जोड़ा जाएगा जिनमें अभी सेवाएं प्रदान नहीं की जा रही है।
वित्त
बांड बाजार से कोषों के निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए वित्त मंत्री ने नियामकों से निवेश वैद्यता के लिए एए से ए रेटिंग की ओर बढ़़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार भारत में अंतरराष्ट्रीय वित्त सेवा केंद्र में सभी वित्तीय सेवाओं को नियमित करने के लिए एकीकृत प्राधिकरण की स्थापना करेगी।
डिजिटल अर्थव्यवस्था
वित्त मंत्री ने कहा कि नीति आयोग कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम की शुरूआत करेगा।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग रोबोर्टिक्स, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डिजिटल उत्पादन, डाटा विश्लेषण और इंटरनेट ऑफ थिंग्स के लिए एक मिशन की शुरूआत करेगा। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के लिए बजट-2018-19 में धन राशि आबंटन को दोगुना करके 3073 करोड़ रुपए किया गया है।
5 करोड़ ग्रामीणों को नेट कनेक्टिविटी से जोड़ने के लिए सरकार 5 लाख वाई-फाई हॉट स्पॉट का निर्माण करेगी। वित्त मंत्री ने इसके लिए 10 हजार करोड़ रुपए की धनराशि का आबंटन किया है।
विनिवेश
वित्त मंत्री ने कहा कि 2017-18 के लिए विनिवेश के लक्ष्य 72500 करोड़ रुपए से बढ़कर एक लाख रुपए होने की संभावना है। उन्होंने 2018-19 के लिए 80 हजार करोड़ रुपए का लक्ष्य निर्धारित किया है।
सार्वजनिक क्षेत्र की तीन बीमा कंपनियों- नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, यूनाईटेड इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और ऑरिएंटल इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड का विलय करके एक बीमा कंपनी बनाई जाएगी।
सोने के परिसंपत्ति मूल्य में वृद्धि करने के लिए सरकार एक समेकित स्वर्ण नीति का निर्माण करेगी। देश में स्वर्ण विनिमय को व्यापार और उपभोक्ता अनुकूल बनाने के लिए सरकार एक प्रणाली विकसित करेगी। स्वर्ण मुद्रीकरण योजना को पुनर्जीवित किया जाएगा, ताकि लोग बिना किसी परेशानी के स्वर्ण जमा योजना के खाते खुलवा सकें।
बजट में राष्ट्रपति का वेतन 5 लाख रुपए, उपराष्ट्रपति का 4 लाख रुपए और राज्यपाल का 3.5 लाख रुपए प्रति महीने करने का प्रस्ताव किया गया है। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के लिए बजट में 150 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई है।
वित्तीय प्रबंधन/ टैक्स
बजट में परिव्यय का संशोधित अनुमान 2017-18 के लिए 21.57 लाख करोड़ रुपए है, जबकि बजट का आकलन 21.47 लाख करोड़ रुपए का था।
वित्त मंत्री ने 2018-19 के लिए बजट घाटे को जीडीपी के 3.3 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया। संशोधित वित्तीय घाटे का अनुमान वर्ष 2017-18 के लिए 5.95 लाख करोड़ रुपए का है, जो जीडीपी 3.5 प्रतिशत है
प्रत्यक्ष कर प्रस्तावों के अंतर्गत वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था में नकदी के उपयोग को कम करने तथा कर दायरा बढ़ाने से फायदा हुआ है। प्रत्यक्ष करों की वृद्धि दर 2016-17 में 12.6 प्रतिशत और 2017-18 में 18.7 प्रतिशत रही है।
कर दाताओं की संख्या जो 2014-15 में 6.47 करोड़ थी, बढ़कर 2016-17 में 8.27 करोड़ हो गई है।
रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए परिधान उद्योग में धारा 80 जेजेएए के अंतर्गत दी जाने वाली 30 प्रतिशत की कटौती को चमड़े तथा जूते उद्योग में भी लागू किया जाएगा।
कॉरपोरेट टैक्स को चरणबद्ध तरीके से कम करने के प्रयास के तहत 250 करोड़ रुपए तक की टर्नओवर वाले कंपनियों को 25 प्रतिशत के कर दायरे में रखा गया है। इससे 99 प्रतिशत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को लाभ होगा। इससे वित्त वर्ष 2018-19 में 7,000 करोड़ रुपए की राजस्व हानि होगी।
आयकर प्रदाताओं के लिए वर्तमान में परिवहन भत्ते तथा अन्य चिकित्सा व्यय की परिपूर्ति के बदले 40,000 रुपए की मानक कटौती का प्रावधान किया गया है। दिव्यांगजनों को बढ़े दर पर मिलने वाला परिवहन भत्ता आगे भी जारी रहेगा। इससे 2.5 करोड़ वेतनभोगियों और पेंशनभोगियों को लाभ होगा।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायत
बैंकों तथा डाकघरों में जमा राशि पर ब्याज आय में छूट 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 50 हजार रुपए की गई है तथा आयकर धारा 194ए के तहत स्रोत पर आयकर की कटौती नहीं की जाएगी। यह लाभ सावधि जमा योजनाओं तथा आवर्ती जमा योजनाओं में प्राप्त होने वाले ब्याज के लिए भी उपलब्ध होगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि धारा 80डी के अंतर्गत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम या चिकित्सा व्यय हेतु कटौती सीमा को 30 हजार रुपए से बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दिया गया है। अब सभी वरिष्ठ नागरिक किसी स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम या किसी चिकित्सा के संदर्भ में 50 हजार रुपए प्रतिवर्ष तक कटौती के लाभ का दावा कर सकेंगे।
वित्त मंत्री ने धारा 80डीडीबी के अंतर्गत गंभीर बीमारी से संदर्भ में चिकित्सा खर्च के लिए कटौती सीमा को वरिष्ठ नागरिकों के मामले में 60 हजार रुपए से और अति वरिष्ठ नागरिकों के मामले में 80 हजार रुपए से बढ़ाकर सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक लाख रुपए का प्रस्ताव किया।
इन रियायतों से वरिष्ठ नागरिकों को 4 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर लाभ प्राप्त होगा।
टैक्स रियायतों के अतिरिक्त वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री वय वंदना योजना को मार्च 2020 तक बढ़ाया गया है। इस योजना के तहत भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा 8 प्रतिशत निश्चित प्रतिलाभ प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत प्रति वरिष्ठ नागरिक 7.5 लाख रुपए की मौजूदा निवेश सीमा को बढ़ाकर 15 लाख रुपए किया जा रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केन्द्र (आईएफएससी) में स्थित स्टॉक एक्सचेंज में व्यापार बढ़ाने के उद्देश्य से आईएफएससी के लिए दो अन्य रियायतों का प्रस्ताव है। अनिवासी भारतीयों द्वारा डेरिवेटिव और कुछ प्रतिभूतियों के हस्तांतरण को पूंजीगत लाभ में रियायत की घोषणा की है। अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केन्द्र में कार्य करने वाले गैर-कॉरपोरेट कर प्रदाताओं पर 9 प्रतिशत का वैकल्पिक न्यूनतम कर (एएमटी) लगेगा, जो कॉरपोरेट पर लगने वाले न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी) के समान होगा।
दीर्घावधिक पूंजी लाभ (एलटीसीजी)
निर्धारण वर्ष 2017-18 के लिए सूचीबद्ध शेयरों और यूनिटों से छूट प्राप्त पूंजी लाभ की राशि लगभग 3,67,000 करोड़ रुपए है। श्री जेटली ने कहा कि मैं एक लाख रुपए से अधिक के ऐसे दीर्घावधिक पूंजी लाभों पर किसी सूचकांक के बिना 10 प्रतिशत की दर से कर लगाने का प्रस्ताव करता हूं।
गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों तथा ग्रामीण परिवारों की शिक्षा और स्वास्थ्य जरूरतों के लिए बजट में व्यक्तिगत आयकर तथा निगम कर पर 4 प्रतिशत अधिशेष की व्यवस्था की गई है। नये अधिशेष को स्वास्थ्य व शिक्षा उपकर के नाम से जाना जाएगा।
प्रत्यक्ष कर संग्रहण के लिए 2016 में प्रयोग के आधार पर ई-निर्धारण प्रारंभ किया गया था। 2017 में इसका विस्तार 102 नगरों में किया गया है।
अप्रत्यक्ष कर के संदर्भ में वस्तु और सेवा कर लागू होने के पश्चात यह पहला बजट है। बजट के प्रावधान सीमा शुल्क के संबंध में है। सीमा शुल्क में बदलाव से देश में रोजगार के अवसरों का सृजन होगा तथा खाद्य प्रसंस्करण इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहनों का पुर्जा निर्माण, जूते तथा फर्नीचर जैसे क्षेत्रों में मेक-इन-इंडिया को बढ़ावा मिलेगा। इसलिए मोबाइल फोन पर सीमा शुल्क को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत तथा मोबाइल व टीवी के कलपुर्जों के लिए सीमा शुल्क को बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है।
काजू प्रसंस्करण उद्योग के लिए कच्चे काजू पर सीमा शुल्क 5 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया गया है।
आयातित वस्तुओं पर लगने वाले शिक्षा उपकर तथा उच्च शिक्षा उपकर को समाप्त करने का प्रस्ताव दिया गया है। इसके स्थान पर आयातित वस्तुओं पर 10 प्रतिशत की दर से एक सामाजिक कल्याण उपकर लगाया जाएगा। जिन आयातित वस्तुओं को शिक्षा उपकर से छूट मिली हुई है, वह जारी रहेगी।
जीएसटी लागू होने के पश्चात केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड-सीबीईसी का नाम बदलकर केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड करने का प्रस्ताव किया गया है।