सुप्रीम कोर्ट ने अलवर में बीते 20 जुलाई को गौरक्षकों द्वारा पीट-पीट कर हुई हत्या के मामले संज्ञान लेते हुए राजस्थान सरकार से जवाब मांगा है।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने राज्य सरकार के गृह विभाग के प्रधान सचिव से कहा कि वह इस मामले में अब तक की गई कार्रवाई का विस्तृत ब्यौरा देते हुए हलफनामा दायर करें। मामले की अगली सुनवाई 30 अगस्त को होगी।
पीठ तुषार गांधी और तहसीन पूनावाला की ओर से दायर अवमानना याचिका की सुनवाई कर रही है। याचिका में अलवर में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या मामले में राजस्थान सरकार के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद राज्य सरकारें इसका पालन नहीं कर रही हैं।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कथित गौरक्षा के नाम पर हिंसा से निबटने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए थे। कोर्ट ने मॉब लिंचिंग और गौरक्षा के नाम पर होने वाली हत्याओं को लेकर कहा था कि कोई भी नागरिक कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता। डर और अराजकता की स्थिति में राज्य सरकारें सकरात्मक रूप से काम करें। कोर्ट ने संसद से यह भी कहा था कि वो देखे कि इस तरह की घटनाओं के लिए कानून बन सकता है क्या? इस मामले में कोर्ट ने राज्य सरकारों से सात सितंबर को अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
अलवर जिले के रामगढ़ इलाके में 20 जुलाई को गौरक्षकों ने 28 वर्षीय रकबर खान की कथित तौर पर पिटाई कर दी थी। घटना के वक्त रकबर दो गायों को लाढ़पुरा गांव से हरियाणा स्थित अपने घर ला रहा था।