ताजमहल और उसके आसपास के इलाके ताज ट्रेपीजियम जोन (टीटीजेड) के संरक्षण के लिए यूपी सरकार की योजना पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल ताजमहल के पूर्वी गेट के पास मल्टी लेवल पार्किंग बनाने की इजाजत देने से इंकार कर दिया है।
कोर्ट ने टीटीजेड अथॉरिटी से पूछा है कि आखिर वो हर दो महीने के बाद मीटिंग क्यों नही कर रही? इसके साथ ही, कोर्ट ने टीटीजेड अथॉरिटी को भी समन भेजा है। यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से ताज संरक्षित क्षेत्र में मल्टी लेवल पार्किग बनाने के लिए 11 पेड़ काटने की इजाजत मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम किसी भी निर्माण के खिलाफ नहीं है, लेकिन निर्माणकार्य और पर्यावरण में संतुलन होना चाहिए।
यूपी सरकार की इस मांग को दरकिनार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि ताज के संरक्षण के लिए योजना से संतुष्ट होने पर कोर्ट इस अर्जी पर सुनवाई करेगा। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की, पर्यटकों को ताज महल तक गाड़ियों पर सवार होने के बजाए चलकर आने दें।
Supreme Court denies permission for construction of multi-level parking near Taj Mahal, observes "let the tourists walk to Taj instead of riding on vehicles" pic.twitter.com/Crb82q4vxY
— ANI (@ANI) November 20, 2017
उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा था कि पार्किंग न होने से ट्रैफिक की बड़ी समस्या हो रही है, जिसपर कोर्ट ने कहा कि अगर आप चाहे तो इसे मैनेज कर सकते हैं, बस जरूरत इच्छाशक्ति की है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को कहा कि आप विदेशी टूरिस्ट की बात करते हैं। आपको पता होगा कि वो हमसे ज्यादा चलते हैं। दरअसल, यह बात कोर्ट ने तब कही, जब सरकार की तरफ से कहा गया कि पार्किंग 1 किलोमीटर दूर है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को कहा कि आप इतनी जल्दी में क्यों है, सब धीरे-धीरो होगा। सुप्रीम कोर्ट दो हफ्ते बाद अब इस पूरे मामले की सुनवाई करेगा। कोर्ट ने पूछा पर्यावरण के अलावा ताज महल के संरक्षण के लिए और क्या पॉलिसी है?