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सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर लगी रोक हटाई

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को शर्तों के साथ दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री की मंजूरी दे दी है। गत वर्ष तमाम आतिशबाजी लाइसेंस निरस्त कर दिए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर लगी रोक हटाई

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस को आदेश दिया है कि वह इस बार दिल्ली-एनसीआर में पटाखे बेचने के लिए दुकानदारों को लाइसेंस दे दें। यह नियम एनसीआर के सभी शहरों पर भी लागू होंगे। बता दें कि गत वर्ष तमाम आतिशबाजी लाइसेंस निरस्त किए थे, जिसके बाद आज पुराने आदेश में 16 शर्तों के साथ बदलाव करते हुए कोर्ट ने इजाजत दी है।

दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट की शर्तें -

-   अग्नि सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन हो

-    ध्वनि प्रदूषण मानकों का पालन हो

-     नो नॉइस ज़ोन यानी अस्पताल, स्कूल-कॉलेज, कोर्ट आदि के 100 मीटर के दायरे में पटाखे चलाने पर पाबंदी का                   प्रशासन पालन करवाए

-   पटाखों की रिटेल बिक्री के अस्थायी लाइसेंस पिछले साल के मुकाबले आधे किए जाएं

-   बड़े कारोबारियों को मिले स्थायी लाइसेंस पर रोक हटी. इस साल दिवाली में हुए प्रदूषण के आधार पर दोबारा समीक्षा होगी

-  पटाखा कारोबारी बाहर से पटाखा न मंगाएं, दिल्ली-एनसीआर में लाखों टन पटाखे का स्टॉक है, जो पर्याप्त है

-  बड़े लाइसेंस धारक 2018 में इस साल के मुकाबले आधे पटाखे बेचेंगे। हर साल ये इजाजत घटाई जाएगी। अगर इस पर        एतराज हो तो 30 दिन में याचिका डालें

-  एल्युमिनियम, सल्फर, पोटेशियम, बैरियम वाले पटाखे बेचे जा सकते हैं। बहुत हानिकारक माने गए पदार्थ का                     इस्तेमाल करने वाले पटाखे न बेचे जाएं

-  दिल्ली सरकार और एनसीआर वाले शहरों की राज्य सरकारें 15 दिन के भीतर स्कूलों में बच्चों को पटाखों के हानिकारक        असर पर जागरूक करने वाला अभियान चलाएं

-  विज्ञापन और दूसरे तरीकों से लोगों को भी जागरूक किया जाए

-  सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड एक विशेषज्ञ कमिटी बनाकर पर्यावरण पर पटाखों से नुकसान की समीक्षा कर, 31 दिसंबर तक     रिपोर्ट दें

-  सरकार लोगों को सामूहिक रूप से पटाखे चलाने की व्यवस्था बनाने पर विचार करे

 

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