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मुझे किसी ने कोई ऑफर नहीं दिया: भाजपा द्वारा कैबिनेट पद की पेशकश पर सुप्रिया सुले

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर उथल पुथल की स्थिति नज़र आ रही है। बुधवार को भाजपा द्वारा उन्हें...
मुझे किसी ने कोई ऑफर नहीं दिया: भाजपा द्वारा कैबिनेट पद की पेशकश पर सुप्रिया सुले

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर उथल पुथल की स्थिति नज़र आ रही है। बुधवार को भाजपा द्वारा उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह देने के ऑफर की अटकलों पर एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने विराम लगाया और कहा कि किसी ने भी मुझे कोई ऑफर नहीं दिया है। 

दरअसल, न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार, बीजेपी द्वारा कैबिनेट पद की पेशकश किए जाने पर एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने कहा, ''किसी ने मुझे कुछ भी ऑफर नहीं किया और न ही मुझसे बातचीत की। आपको उनसे (महाराष्ट्र कांग्रेस नेताओं से) पूछना चाहिए कि वे ऐसे बयान क्यों दे रहे हैं।"

सुप्रिया सुले ने मीडिया से बात करते हुए आगे कहा, "मुझे पता नहीं है। मैं व्यक्तिगत रूप से सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, गौरव गोगोई जैसे वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के संपर्क में हूं, लेकिन मैं महाराष्ट्र में उनके नेताओं के संपर्क में नहीं हूं।"

 

 

न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से बुधवार को जानकारी साझा की। एएनआई के मुताबिक, अजीत पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह देने का ऑफर दिया। इसपर शिव सेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) गुट की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई।

शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा, "अजीत पवार इतने बड़े नेता नहीं हैं कि वो शरद पवार को ऑफर दे सकें। पवार साहब ने अजित पवार को बनाया, अजित पवार ने शरद पवार को नहीं बनाया। शरद पवार को संसदीय राजनीति का 60 साल का अनुभव है। वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी रहे हैं। उनका (शरद पवार) कद ऊंचा है। अजीत पवार जूनियर हैं। ऐसा कभी होता है क्या राजनीति में ?"

 

 

बता दें कि हाल ही में, महाराष्ट्र की राजनीति के एक और नाटकीय मोड़ में, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजीत पवार ने अपने चाचा और पार्टी प्रमुख शरद पवार से विद्रोह करते हुए भारतीय जनता पार्टी और शिव सेना से हाथ मिला लिया और वह अपने साथ आठ अन्य विधायकों को लेकर राज्य की सरकार में शामिल हो गए।

अजीत पवार के इस कदम ने शरद पवार द्वारा स्थापित की गई पार्टी को दो गुटों में आने पर मजबूर कर दिया और 2024 लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र के सियासी समीकरण को भी हिला दिया। बता दें कि अजीत पवार को प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल और दिलीप वाल्से पाटिल सहित अन्य एनसीपी नेताओं का सहयोग मिला।

इसके बाद, एक तरफ अजित पवार ने अपने पास अधिक समर्थन का हवाला देते हुए "असली एनसीपी" होने का दावा किया। वहीं, दूसरी तरफ शरद पवार ने 'पार्टी विरोधी गतिविधियों' के लिए कई नेताओं को निष्कासित करके खुद को पार्टी का बॉस होने का दावा भी किया है। 

अजीत पवार का यह कदम उसी तरह था जैसे एकनाथ शिंदे ने पिछले साल अविभाजित शिवसेना को तोड़ दिया था और भाजपा से हाथ मिला लिया था। इस तरह से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार को सत्ता से बाहर कर वह खुद राज्य के मुख्यमंत्री बन गए।

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