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सराहनीय: सूरत के 'पैड कपल', जो हर महीने बांटते हैं 5000 सैनिटरी पैड

बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार की फिल्म ‘पैडमैन’ भले ही बॉक्स-ऑफिस पर सुपरहिट के फॉर्मूले पर खरी...
सराहनीय: सूरत के 'पैड कपल', जो हर महीने बांटते हैं 5000 सैनिटरी पैड

बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार की फिल्म ‘पैडमैन’ भले ही बॉक्स-ऑफिस पर सुपरहिट के फॉर्मूले पर खरी नहीं उतरी हो, लेकिन इस फिल्म ने भारतीय समाज में एक क्रांति जरूर ला दी है। आज हर व्यक्ति  ऊंच-नीच, अमीर-गरीब के भेदभाव से उपर उठकर इस मुद्दे पर खुलकर बात कर रहा है।

अब इस विषय पर न सिर्फ बात ही हो रही है बल्कि पिछले काफी समय से दबी पड़ी कितनी समाजसेवा करने वालों की कहानियां अब धीरे-धीरे सामने आ रही हैं। ऐसी ही कहानी है सूरत के एक 'पैड कपल' की। इस कपल को ‘पैड कपल’ इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि मीना मेहता और अतुल मेहता (मैरिड कपल) मिलकर इस दिशा में पिछले पांच सालों से एक सराहनीय काम कर रहे हैं।

 

पिछले पांच सालों से लगातार ये कपल हर महीने 5000 सैनिटरी नैपकिन्स यानी पैड्स उन जरुरतमंद महिलाओं और लड़कियों को बांट रहे हैं, जिन्हें या तो इनकी समझ नहीं है या फिर वो पैसों के अभाव में इन सैनिटरी पैड्स को खरीदने में सक्षम नहीं हैं।

इस सराहनीय काम को करने वाली मीना बताती हैं कि उन्होंने एक बार दो गरीब लड़कियों को डस्टबिन से गंदे पैड्स को एकत्र करते हुए देखा,फिर जब उनसे पूछा कि वे ऐसा क्यों कर रही हैं? उन्होनें बताया कि वे उसे हर महीने एकत्र करती हैं उन्हें धोकर साफ करती हैं और उसके बाद उसका इस्तेमाल करती हैं क्योंकि उनके पास नए सैनिटरी पैड्स खरीदने के पैसे नहीं होते हैं, इसलिए वे ऐसा करती हैं।

मीना ने कहा कि इस घटना ने उन्हें अंदर से झकझोर कर रख दिया, इस वाकये से उन्हें कुछ अलग करने की प्रेरणा मिली और अब वे खुद लोगों से भी अपील कर रही हैं कि लोग इस तरह की महिलाओं और लड़कियों की मदद करें।

 

बता दें की मेहता कपल हर महीने स्लम्स, निगम स्कूलों और आंगनवाड़ी में काम करने और पढ़ने वाली लड़कियों के बीच सैनिटरी पैड्स बांटने का काम करते हैं।

 

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