वर्ष 1985 से 1987 तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहे बरनाला को बृहस्पतिवार को यहां पोस्ट-ग्रैजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) में भर्ती कराया गया था।
बरनाला को पीजीआई की कार्डिएक केयर यूनिट में भर्ती कराया गया था और आज सुबह उन्हें रेसपिरेटरी आईसीयू में ले जाया गया जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
वर्ष 1985 की गर्मियों में संकटग्रस्त पंजाब में शांति बहाल करने के लिए राजीव-लोगोंवाल संधि किए जाने के बाद अकाली दल के उदारवादी नेता बरनाला मुख्यमंत्री बने।
तमिलनाडु का राज्यपाल रहते बरनाला ने 1991 में द्रमुक सरकार भंग करने की सिफारिश करने से मना कर दिया था। उस समय चन्द्रशेखर प्रधानमंत्री थे। इनकार के बाद जब बरनाला का बिहार स्थानांतरण किया गया तो उन्होंने राज्यपाल के पद से इस्तीफा देना उचित समझा।
चन्द्रशेखर की अगुवाई वाली केन्द्र सरकार ने तब संविधान के अनुच्छेद 356 के अन्यथा प्रावधान का उपयोग कर करुणानिधि की सरकार भंग कर दी थी।
बरनाला उत्तराखंड और आंध्र प्रदेश के भी उपराज्यपाल रहे। वह केन्द्र में मोरारजी देसाई की सरकार में कृषि मंत्री थे और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में रसायन एवं उर्वरक मंत्री थे।
मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पूर्व वरिष्ठ अकाली नेता के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
भाषा