विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज दोनों सदनों में ये स्पष्ट किया कि इराक के मोसुल से अगवा हुए सभी 39 भारतीय नागरिकों की मौत हो गई है। इस खबर की जानकारी देने के बाद विदेश मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और लोकसभा में जिस अंदाज में कांग्रेस की तरफ से हंगामा किया गया उसे उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।
सुषमा ने एक बार फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस में मारे गए लोगों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 27 लोग पंजाब से, 6 लोग बिहार के हिमाचल प्रदेश के चार और पश्चिम बंगाल के 2 लोग शामिल हैं। एक शख्स की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है। सरकार शुरु से ही कहती रही है कि उन लोगों के न तो जिंदा होने के साक्ष्य थे न ही मृत होने के साक्ष्य थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान को ही 2014 से लेकर 2017 तक सरकार दोहराती रही है। केंद्र सरकार ने किसी को भी अंधेरे में नहीं रखा था। हम किसी को झूठे आश्वासन नहीं दे सकते थे।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, विदेश मंत्री ने कहा कि राज्यसभा में सभी दलों के सांसदों ने तो धैर्य और शांति के साथ मेरी बात को सुना और उन्हें उम्मीद थी कि लोकसभा में भी सांसद उनकी बातों को ध्यान से सुनेंगे। लेकिन ऐसा नही हुआ। जिस तरह से पिछले कुछ दिनों से लगातार हंगामा किया जा रहा है, ज्योतिरादित्य सिंधिया जी की अगुवाई में कांग्रेस सांसदों की तरफ से जो बर्ताव देखने को मिला वो वो दुर्भाग्यपूर्ण था।
In Rajya Sabha everyone listened to me speaking very patiently and in peace. Everyone paid tribute, I thought same would happen in Lok Sabha. But unlike the past few days of ruckus, today Congress led the protests under Jyotiraditya Scindia ji. Very unfortunate: EAM Sushma Swaraj pic.twitter.com/3dQ8MG15Qu
— ANI (@ANI) March 20, 2018
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की तरफ से आज निम्न स्तर की राजनीति का प्रदर्शन किया गया। शायद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लगा कि वो राज्यसभा में हंगामा करने में कामयाब नही हो सके लिहाजा लोकसभा में हंगामा करने की जिम्मेदारी उन्होंने ज्योतिरादित्य जी को सौंप दी।
सुषमा स्वराज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कुछ मृतकों के परिजनों ने उनसे पूछा कि उन लोगों को पहले क्यों नहीं बताया गया, लेकिन मैंने उन लोगों को समझाने की कोशिश की संसदीय कार्यप्रणाली के तहत पहले सदन को सूचित करना पड़ता है।
इस दौरान उन्होंने कहा कि शवों की पहचान के लिए डीएनए सैंपल भेजे गए, जितनी कोशिश की जा सकती थी, हमने की। कहा गया था डीएनए सैंपल भिजवाइए। एक टीले के बारे में जानकारी मिली, हमने टीले की जांच के लिए कहा, जांच में पता चला कि टीले के नीचे 39 शव हैं। बगदाद में पार्थिव शरीर लाए गए और डीएनए सैंपल मिलाए गए, एक-एक शव की पहचान के बाद ही ऐलान किया गया।
Some kin of the victims have questioned as to why they were not told about the deaths before the parliament. It is parliamentary procedure to first inform the house, so it was my duty: EAM Sushma Swaraj pic.twitter.com/IC9ZMBUaO9
— ANI (@ANI) March 20, 2018
सुषमा स्वराज ने बताया कि आज कांग्रेस का व्यवहार सीमा पार कर गया। उन्होंने कहा कि लोकसभा में जितने भारी मन से गई थी, उससे भारी मन से लौटी। क्या मौत पर भी हम राजनीति करेंगे? राज्यसभा में वे देख चुके थे कि मैं अशुभ समाचार देने आई हूं, लेकिन लोगों को उन्होंने सुनने नहीं दिया।
विदेश मंत्री ने कहा कि जो लोग अब इस दुनिया में नहीं है उनकी मौत पर राजनीति की जा रही है। उन्होंने संबंधित देशों के विदेश मंत्रियों से व्यक्तिगत तौर पर बातचीत की। मैंने उनसे कहा कि अगर उनके पास किसी तरह का साक्ष्य हो तो वो लोग उपलब्ध कराएं।
वहीं, इस दौरान कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि ये सरकार ऐसी नहीं है कि ‘खोए हुए हो तो मारे हुए समझे जाओगे’। कुछ मृतकों के परिजनों ने उनसे पूछा कि उन लोगों को पहले क्यों नहीं बताया गया, लेकिन मैंने उन लोगों को समझाने की कोशिश की संसदीय कार्यप्रणाली के तहत पहले सदन को सूचित करना पड़ता है।