गुरुवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्य सभा में कहा कि चीन, डोकलाम की मौजूदा स्थिति को अपने हिसाब से बदलना चाहता है। हालांकि मौजूदा गतिरोध पर कानूनी तौर पर भारत का पक्ष मजबूत है। दुनिया के तमाम देश भारत के साथ इस मसले पर खड़े हैं।
विदेशमंत्री ने साथ ही ये भी कहा कि कोई भी देश डोकलाम की स्थिति नहीं बदल सकता। भूटान के प्रति चीन ने आक्रामक रुख अपनाया हुआ है। उन्होंने कहा, ‘’सारे देश हमारे साथ हैं और सभी देश समझ रहे हैं कि भारत ने जो अपना मत रखा है वो गलत नहीं है।‘’
चीन की बेल्ट-रोड योजना के साथ चीन-पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरीडोर (सीपीईसी) पर बोलते हुए सुषमा स्वराज ने कहा, ‘’जैसे ही पता चला ओबोर (वन बेल्ट वन रोड) के साथ सीवीईसी को भी डाल रहे हैं, उसी समय विरोध दर्ज किया गया था।‘’
<blockquote class="twitter-tweet" data-lang="en"><p lang="hi" dir="ltr">Jaise hi pata chala ki OBOR ( One Belt One Road) mein CPEC ko dal rahe hain, ussi samay virodh darj kiya gaya tha: EAM Sushma Swaraj in RS <a href="https://t.co/66vtC1i4LC">pic.twitter.com/66vtC1i4LC</a></p>— ANI (@ANI_news) <a href="https://twitter.com/ANI_news/status/887933536136601600">July 20, 2017</a></blockquote>
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क्या है डोकलाम विवाद?
ये विवाद पिछले लगभग एक महीने से बढ़ गया है। डोकलाम पठार भारत-चीन-भूटान की त्रिकोण सीमा में चुंबी घाटी के पास पड़ता है और भूटान का इस पर अधिकार है। जून में भूटान की सेना ने ये मुद्दा उठाया था कि चीन इस इलाके की तरफ एक सड़क बनाना रहा है। इसकी वजह से भारत भूटान के पक्ष में खड़ा हो गया और उसने चीन को सड़क बनाने से रोक दिया। चीन का कहना था हम अपने इलाके में सड़क बना रहे थे।
पीटीआई के हवाले से कहा गया था कि 2012 में चीन की सेना ने भारत से यहां बने दो बंकर हटाने को कहा था। ये बंकर भारतीय सेना ने बैक-अप के लिए बनाए थे। पीटीआई के मुताबिक 6 जून को चीन के बुलडोजरों ने इन दोनों बंकरों को नष्ट कर दिया था और दावा किया कि इस इलाके में ना तो भारक का अधिकार है ना ही भूटान का। चीन इस इलाके को डोंगलोंग कहता है।